मिशन एडमिशन : ग्रामीण विद्यार्थियों की पसंद बना नन्दलाल सिंह कॉलेज
पसंद बना नन्दलाल सिंह कॉलेज यातायात के लिए बस व ट्रेन विद्यार्थियों के लिए सुगम साधन पुस्तकालय के मामले में सबसे धनी व समृद्ध की श्रेणी में है कॉलेज 1969 में हुई थी कॉलेज की स्थापना 2017 से वाई फाई...
मिशन एडमिशन : ग्रामीण विद्यार्थियों की पसंद बना नन्दलाल सिंह कॉलेज
यातायात के लिए बस व ट्रेन विद्यार्थियों के लिए सुगम साधन
पुस्तकालय के मामले में सबसे धनी व समृद्ध की श्रेणी में है कॉलेज
1969 में हुई थी कॉलेज की स्थापना
2017 से वाई फाई की सुविधा है कॉलेज में
छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि
जयप्रकाश विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई नन्दलाल सिंह कॉलेज जैतपुर दाउदपुर पूर्व से ही बेहतर शैक्षणिक माहौल व ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण विद्यार्थियों के नामांकन के लिए पसंदीदा कॉलेजों में से एक है। कॉलेज की स्थापना जैतपुर दाउदपुर के शिक्षाविद व विद्यानुरागी ग्रामीणों द्वारा गठित स्थापना समिति के सौजन्य से एक जून 1969 में की गई थी। मांझी प्रखंड के बरवा गांव निवासी व विद्यानुरागी कुल देवता स्व नन्दलाल सिंह के आर्थिक सहयोग से कॉलेज विख्यात हुआ जिसमें जैतपुर गांव के अनेक भू दाता का सहयोग भी स्थापना में महत्वपूर्ण रहा है। कॉलेज में इंटरमीडिएट से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई की जाती है। विशाल भू परिसर में स्थापित कॉलेज की चहारदीवारी व कैम्पस परिसर में कतारबद्ध अनेक किस्म के आम व अन्य छायादार पौधे की हरियाली विद्याास्थली परिसर में चहुंओर फैली है।
इंटर व स्नातक की पढ़ाई
अनुभवी व कुशल शिक्षकों के मार्ग दर्शन में कला व विज्ञान विषय की समुचित शिक्षा। कॉलेज में कला के साथ विज्ञान विषय की शिक्षा की व्यवस्था है जहां अनुभवी व कुशल शिक्षकों के मार्गदर्शन में छात्र- छात्राओं को शिक्षा दी जाती है। कॉलेज में इंटर व स्नातक की पढ़ाई होती है जिसमें आट्र्स विषय से इतिहास, भूगोल, मनोविज्ञान, अर्थ शास्त्र,हिंदी, संस्कृत,अंग्रेजी,आदि की पढ़ाई की जाती है जबकि साइंस में भौतिक, रसायन शास्त्र, गणित, बनस्पति विज्ञान,व जंतुविज्ञान की पढ़ाई की समुचित पढ़ाई की व्यवस्था है।
बस व ट्रेन की सुविधा है उपलब्ध
छपरा-सीवान मुख्य मार्ग के बिल्कुल समीप व दाउदपुर स्टेशन से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थिति होने के कारण छात्र छात्रोंओं को कॉलेज आने जाने में काफी सहूलियत मिलती है। बस व ट्रेन की सुविधा होने के कारण सुदूर ग्रामीण इलाकों के साथ दूर दराज के सीमावर्ती जिला के विद्यार्थी भी नामांकन के लिए सदैव प्रयासरत रहते हैं।
वाई फाई व सीसीटीवी की सुविधा से लैस कॉलेज
कॉलेज में 2017 से वाई फाई की सुविधा उप्लब्ध है। वही बेहतर शिक्षा व कॉलेज के हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया है जिससे कॉलेज कैम्पस की हर गतिविधि पर तीसरी आंख की नजर रहती है औऱ कैद होती है। कॉलेज में समय समय पर खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जिसमे राष्टीय सेवा योजना की तीन इकाई संचालित है। जिसके तहत निरन्तर शिविर लगया जाता है। साफ सफाई, सामाजिक सरोकार से सम्बंधित जागरूकता अभियान आदि का आयोजन किया जाता है।
कॉलेज को मिली मान्यता
15 अगस्त 1980 में बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर की अंगीभूत इकाई के रूप में मान्यता प्रदान किया गया जो वर्तमान में 11 अक्टूबर 1992 से जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा का महत्वपूर्ण अंगीभूत इकाई है।
पुस्तकालय में पुस्तकों का है विशाल संग्रह
कॉलेज के पुस्तकालय में पुस्तकों का विशाल संग्रह है। करीब 45 हजार पुस्तकें व गुरु ग्रन्थ मौजूद हैं। बताया जाता है कि पुस्तकालय के मामले में जेपी विश्वविद्यालय के अन्य अंगीभूत इकाइयों में से सबसे समृद्ध व धनी पुस्तकालय श्रेणी में गणना की जाती है। वही ंपुस्तकालय के ऊपरी मंजिल पर स्थित आचार्य नरेंद्र देव वाचनालय कॉलेज की भव्यता व बौद्धिक समृद्धि को दर्शाता है।
कॉलेज में नामांकन के लिये स्नातक व इंटर में विषय वार आवंटित सीट
इंटरमीडिएट: कला में 512 व विज्ञान में 512 अनुमोदित है
स्नातक में अनुमोदित नामांकन सीट
हिंदी-96
अंग्रेजी-96
संस्कृत-32
इतिहास-128
मनोविज्ञान-128
राजनीतिक शास्त्र-128
अर्थशास्त्र--96
भूगोल-96
दर्शन शास्त्र-32
विज्ञान में
भौतिकी-64
रसायन-64
गणित-96
वनस्पति विज्ञान-32
जंतु विज्ञान-96
कोट
अतिथि शिक्षकों के आने से शैक्षणिक व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। नैक की तैयारी अंतिम चरण पर चल रही है। नैक कराकर विश्वविद्यालय के मानचित्र पर कॉलेज को नम्बर वन स्थान दिलाने का अथक प्रयास किया जा रहा है।
डॉ के पी श्रीवास्तव
प्राचार्य,एनएलएस कॉलेज
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