मेरी सुने:दवा के साथ सुविधाओं के लिए भी भटक रहे मरीज
भटकना पड़ रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नही है। इनके सम्बन्धियों की तबीयत बिगड़ी तो ये चिकित्सक के पास ले गये। डॉक्टर ने जांच के बाद ऑक्सीजन लेवल कम होने की बात कही।ऑक्सीजन चढ़ाने, स्लाइन व खाने की...
छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि
कोरोना संक्रमण का भय इस कदर लोगों के अंदर है कि किसी तरह के लक्षण आने पर वह डॉक्टर की सलाह व चेकअप करवाने के लिए आतुर हो रहे है लेकिन उन्हें तत्काल किसी तरह की सुविधाएं नही मिल रही है जिसकी वजह से रोगी के परिजनों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एकमा सेंदुआर के सतेंद्र सिंह, दाउदपुर के मनोज पांडेय व अन्य लोगों का कहना है कि अस्पताल पहुंचने की व्यवस्था, जांच की सुविधा, ऑक्सीजन, दवाओं का इंतजाम, खासकर विटामिन सी, निमोलाइजर, एजिथ्रो माइसीन दवा समेत जरूरी सुविधाओं के लिए भी भटकना पड़ रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नही है। इनके सम्बन्धियों की तबीयत बिगड़ी तो ये चिकित्सक के पास ले गये। डॉक्टर ने जांच के बाद ऑक्सीजन लेवल कम होने की बात कही।ऑक्सीजन चढ़ाने, स्लाइन व खाने की दवाइयां दी। अब असली परेशानी शुरू हुई। सदर अस्पताल में कोई बेड नहीं। प्राइवेट में भी वही हाल। लोगों ने घर पर ही इलाज और ऑक्सीजन लगाने का सुझाव दिया। ऑक्सीजन आउट ऑफ मार्केट। किसी तरह 24 घंटे के बाद एक सिलेंडर ऑक्सीजन की व्यवस्था हुई। इसे चढ़वाने आदि के लिए महंगे खर्च करने पड़ रहे हैं।मरीजो में सुधार तो हुआ है। इनका कहना है कि इस बीच लॉक डाउन की घोषणा के बाद सोचा कि जरूरी मेडिकल उपकरण इमरजेंसी के लिए घर पर रख लूं। ऑक्सीमीटर आउट ऑफ मार्केट, ऑक्सीजन फ्लोर मीटर आउट ऑफ स्टॉक, जीवन रक्षक दवाएं, एंटीबायोटिक धीरे-धीरे बाजार से गायब हो रही हैं। सरकार और प्रशासन को इन परेशानियों पर गौर करना चाहिए।
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