गीता का हर शब्द अमृत के समान : स्वामी वैराग्यानंद जी महाराज
दिघवारा में शुरू हुआ गीता जयंती साप्ताहिक ज्ञान महोत्सव साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ महोत्सव का विधिवत उद्घाटन हुआ। गीता जयंती समारोह समिति के तत्वावधान में आयोजित हुए 30 वें वार्षिकोत्सव का उद्घाटन विधान...
दिघवारा निसं। नगर पंचायत दिघवारा के मालगोदाम के सामने बुधवार की देर शाम गीता जयंती साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ महोत्सव का विधिवत उद्घाटन हुआ। गीता जयंती समारोह समिति के तत्वावधान में आयोजित हुए 30 वें वार्षिकोत्सव का उद्घाटन विधान पार्षद प्रो.डॉ.वीरेंद्र नारायण यादव,स्वामी वैराग्यानंद जी महाराज, वशिष्ठ नारायण शास्त्री,जनसुराज के नेता अशोक सिंह आदि अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। एमएलसी प्रो.वीरेंद्र नारायण यादव ने समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि व्याकुलता,बेचैनी व अशांति में गीता पथ प्रदर्शक का काम करती है।पहले दिन के अपने प्रवचन में खलीलाबाद से पधारे स्वामी वैराग्यानंद जी महाराज ने कहा कि गीता लोगों को जीवन जीने की कला सिखाती है और गीता का हर शब्द अमृत के समान है। स्वामीजी ने कहा कि नाशवान क्षणभंगुर शरीर से स्नेह रखना व्यक्ति के दुख का कारण बनता है। इस शरीर से मोह रखना बड़ी ही अज्ञानता है। आगत अतिथियों का स्वागत सीताराम प्रसाद,राधेश्याम प्रसाद व डॉ.अरविंद कुमार समेत समिति के कई लोगों ने शॉल ओढ़ाकर किया। इस अवसर पर शिक्षाविद् अर्जुन गुप्त द्वारा श्रीमद्भागवत का हिन्दी में अनुवादित पुस्तक गीता का एमएलसी ने लोकार्पण किया। पहले दिन के प्रवचन में जिप के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र राय, डॉ.अरविंद कुमार,अर्जुन गुप्त,रंगकर्मी महेश स्वर्णकार,सूर्यनारायण प्रसाद,अधिवक्ता मुनिलाल,कमलेश दूबे,अर्जुन गुप्त,राममूर्ति,दीपक गुप्ता,सुनील कुमार,त्रिभुवन यादव,अजीत सिंह,मिथिलेश कुमार,राजकुमार,संतोष गाईं समेत दर्जनों श्रद्धालु मौजूद थे।
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