आरोग्य बनेंगे छात्र, तंदुरुस्त होंगे शिक्षक
छपरा में छात्रों और शिक्षकों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है। 2750 शिक्षकों को स्वास्थ्य संबंधी विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम 20 जनवरी तक चलेगा और...
छपरा,हिंदुस्तान प्रतिनिधि। छात्रों और शिक्षकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक व्यापक अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत जिले के 20 प्रखंडों के 2750 शिक्षक और प्रधानाध्यापकों को स्वास्थ्य संबंधी विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 20 जनवरी तक गैर-आवासीय रूप से चलेगा और 31 जनवरी तक सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक स्कूलों में विद्यार्थियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। वे बच्चों को स्वस्थ आदतों को अपनाने, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के उपायों के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही, आकस्मिक परिस्थितियों में बीमारियों से बचाव के तरीके भी सिखाएंगे। इस पहल को स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयुष्मान भारत के अंतर्गत चलाए जा रहे स्वास्थ्य व आरोग्य कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, जिसका उद्देश्य कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। छह जिलों में प्रशिक्षण का संचालन इस कार्यक्रम की शुरुआत फिलहाल छह जिलों - सारण, भागलपुर, दरभंगा, कैमूर, मधेपुरा और पटना में की गई है। हर जिले से एक महिला और एक पुरुष विज्ञान शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अगर स्कूल में विज्ञान शिक्षक उपलब्ध नहीं है, तो विज्ञान में रुचि रखने वाले अन्य शिक्षकों को नामित किया जा रहा है। सारण जिले में 2750 शिक्षकों को प्रशिक्षण सारण जिले में 2750 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है। इसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डायट) को सौंपी गई है। यह प्रशिक्षण जिले के 20 प्रखंडों में आयोजित किया जाएगा। पूरे राज्य में 104 प्रखंडों के शिक्षकों को इस प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा।यह प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना, छात्रों को स्वस्थ आदतों के प्रति जागरूक करना और उन्हें बीमारियों से बचने के लिए तैयार करना है। इस पहल से न केवल छात्रों के स्वास्थ्य में सुधार होगा बल्कि शिक्षकों की भी तंदुरुस्ती सुनिश्चित की जाएगी, जिससे वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकेंगे। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग का समन्वय इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। दोनों विभाग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रशिक्षण का प्रत्येक चरण प्रभावी ढंग से पूरा हो। इसके माध्यम से शिक्षकों को स्वास्थ्य शिक्षा के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया जा रहा है, ताकि वे अपने ज्ञान और अनुभव को छात्रों के साथ साझा कर सकें। शिक्षकों ने कहा कि इस पहल से न केवल स्कूलों का वातावरण स्वस्थ होगा, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के बीच स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता भी बढ़ेगी इससे एक स्वस्थ समाज का निर्माण संभव होगा।
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