Hindi Newsबिहार न्यूज़छपराFour dead bodies found on sand of sand bodies being thrown secretly at night

बालू की रेत पर मिले चार शव, रात में चोरी छिपे फेंके जा रहे शव

का प्रवाह कर दिया गया है। रिविलगंज घाट, डोरीगंज घाट व दिघवारा के विभिन्न घाटों पर भी इन दिनों शव देखे जा रहे हैं। कुछ शव अधजले होते हैं तो कुछ का प्रवाह हुआ होता है। रात में लोग चोरी-छिपे पीपीई किट...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराTue, 11 May 2021 06:40 PM
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छपरा। नगर प्रतिनिधि

कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई उसी तरह से इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या भी जिले में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। नदी किनारे बने श्मशान घाट पर धधकती चिताओं को देख लोग यह अंदाजा लगा रहे हैं कि किस तरह से लोगों की कोरोना से मौत हो रही है। रिविलगंज में सरयू नदी का प्रवाह होता है। नदी किनारे बने मुक्तिधाम घाट पर लोग अपनों का अंतिम संस्कार करते हैं। कोरोना काल के पहले यहां अमूमन एक से दो या ज्यादा से ज्यादा आधा दर्जन लोगों के शवों का अंतिम संस्कार होता था, लेकिन अब यहां सुबह से लेकर शाम तक हर एक घंटे पर या कुछ अंतराल पर लोग शवों को लेकर पहुंच रहे हैं। यह जरूरी नहीं है कि सभी लोगों की मौत कोरोना से हुई है लेकिन ज्यादातर लोगों की मौत का कारण सांस लेने में तकलीफ बताया जा रहा है।

कुछ शव स्थानीय व बाकी बाहर के

रिविलगंज के सरयू नदी के तट स्थित श्मशान घाट सहित अन्य घाटों पर इन दिनों शवों को लेकर आने वालों की भीड़ देखने को मिल रही है। शव जलाने के कार्य में लगे लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को शाम छह बजे तक 22 शव आए थे। इनमें से पांच से छह शव स्थानीय थाना के थे, जबकि शेष जिले के अन्य थाना के विभिन्न गांवों के थे। श्मशान घाट के संजय ने बताया कि डेढ़ माह पहले तक दिन में दो से तीन शव आते थे, लेकिन जब से कोरोना का प्रकोप बढ़ा है तब से शवों की संख्या में बेहताशा वृद्धि हुई है। प्रत्येक दिन 15- 18 शव घाट पर जलाने के लिए आ रहे हैं। शवों की अचानक इतनी वृद्धि देखकर अब हमलोगों को भी डर लगने लगा है। उन्होंने सरकार से शवों को जलाने के लिए समुचित व्यवस्था करने की मांग की। कहा कि हमलोगों को शव जलाने के बाद बार बार नदी में नहाना पड़ रहा है।

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