चार्जशीट दाखिल नहीं करने वाले थानाध्यक्षों के खिलाफ होगी कार्रवाई
छपरा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण समिति की बैठक हुई। जिलाधिकारी ने 91 मामलों की समीक्षा की जिनमें चार्जशीट नहीं दाखिल की गई। थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि जल्द चार्जशीट...
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छपरा, नगर प्रतिनिधि। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण की जिला स्तरीय निगरानी व अनुश्रवण समिति की बैठक शनिवार को की गई। जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एक -एक बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा की गई।एक वर्ष से अधिक कुल 91 मामले जिनमें अभी तक थानाध्यक्षों द्वारा चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया है ।इसपर संबंध में अविलंब चार्जशीट दाखिल करने का आदेश थानाध्यक्षों को दिया गया। इन सभी दर्ज कांडों में कितने में वारंट निर्गत किया गया, कितने निर्गत वारंट का तामिला कराया गया, कितने कोर्ट में प्रस्तुत किये गये तथा कितने में कुर्की जप्ती की कार्रवाई की गई। इस संबंध में कांडवार जानकारी देने को कहा गया।साथ ही अगली बैठक से पूर्व सभी मामलों को निष्पादित नहीं किए जाने की स्थिति में संबंधित थानाध्यक्ष के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई।वर्ष 2024 के पीड़ित आश्रित को मुआवजा भुगतान के लिए प्रथम किस्त दिए जाने के संबंध में दरियापुर थाना, महिला थाना, गौरा थाना तथा मढ़ौरा थाना से कुल चार लंबित मामलों को अविलंब निष्पादित करने का निदेश दिया गया।वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक के मुआवजा भुगतान के लिये द्वितीय किस्त दिए जाने के संबंध में कुल 318 लंबित मामलों पर जिला पदाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए कैंप लगाकर अभियान के तहत सभी लंबित मामलों को निष्पादित करने का टास्क संबंधित पदाधिकारी को दिया।स्पीडी ट्रायल के मामलों में गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने पर जिला पदाधिकारी में जोर दिया। इसके तहत अन्य मामलों में भी गवाही की प्रक्रिया को पूर्ण कराने का निदेश दिया गया। इस अधिनियम के तहत गवाही के लिये न्यायालय में आने वालों को यात्रा भत्ता देने का प्रावधान किया गया है।ऐसे सभी लोगों को नियमानुसार प्रत्येक माह यात्रा भत्ता का ससमय भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक में स्पीडी ट्रायल संबंधी केस की जानकारी संबंधित थानाध्यक्षों को नहीं रहने के परिप्रेक्ष्य में काफी क्षोभ व्यक्त करते हुए सभी थानाध्यक्षोंको को स्पीडी ट्रायल केस की जानकारी लेकर अविलंब अग्रेत्तर कार्रवाई करने का निदेश दिया गया। मालूम हो कि इस अधिनियम के अंतर्गत 19.09.2020 से प्रभावी प्रावधान के तहत किसी भी परिवार के कमाऊ सदस्य की हत्या के मामले में उनके परिभाषित आश्रित को अनुसेवक संवर्ग में सरकारी नौकरी दिया जाना है। जिला में ऐसे कुछ मामलों में आश्रितों को नौकरी दी गई है। कुछ मामलों में आरोप का गठन होने के उपरांत आश्रितों को नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। इसके लिये पुलिस अधीक्षक एवं विशेष लोक अभियोजक को त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया ताकि पीड़ित परिवारों के आश्रितों को नौकरी दी जा सके।बैठक के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, जिला कल्याण पदाधिकारी, समिति के अन्य सदस्यगण तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न थाना प्रभारी जुड़े थे।
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