दिघवारा के विस्थापित दुकानदारों को 20 साल बाद भी दुकान आवंटित नहीं
21 सदस्यीय शिष्टमंडल का किया था गठन मार्च 2021 में बोर्ड की बैठक में भी दुकान आवंटित कराने का लिया गया था निर्णय दुकान निर्माण के सात-आठ साल बाद से जिप का चक्कर लगा रहे हैं दुकानदार फोटो 8: बिना आवंटन...
छपरा, एक संवाददाता। दिघवारा के विस्थापित दुकानदार पिछले दस -बारह सालों से दुकान आवंटित कराने के लिए जिला परिषद का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी परेशानी को अबतक दूर नहीं की गयी। इसको लेकर मार्च -अप्रैल 2021 में बोर्ड की बैठक में भी दुकान आवंटित करने का निर्णय लिया गया था। इसमें 38 लोगों को बिना आवेदन के ही शामिल कर लिया गया। बताया जाता है कि बोर्ड में लिए गए निर्णय के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने आजतक अनदेखी की। इससे पूर्व तत्कालीन डीडीसी अमित कुमार ने विस्थापितों के बीच दुकान आवंटित कराने को लेकर 21 सदस्यीय शिष्टमंडल का गठन किया था। इसमें जिप के सहायक अभियंता डीएन दत्ता, कनीय अभियंता शंभुनाथ सिंह के अलावा 19 दुकानदारों को इस शिष्टमंडल में रखकर 209 दुकानदारों का सूची तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था। फिर भी दुकान आवंटित नहीं किया गया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन 209 दुकानों में 63 दुकान को आवंटित भी कर दिया गया लेकिन हाई प्रोफाइल नेताओं के दबाव के बाद इसे भी रद्द कर दिया गया। इसके बाद दुकानों के आवंटन पर भी रोक लग गया। एक दर्जन से अधिक दुकानदार स्वर्ग चले गए लेकिन उनको आज तक दुकान हस्तगत नहीं कराया गया। मृतक दुकानदारों में मनोरंजन सिंह, लक्ष्मण भगत, मोहम्मद मंसूर, लाल सिंह व अन्य शामिल हैं। इधर 2012 से ही दुकानदार परेशान हैं। हालांकि दुकानदारों ने वर्तमान डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी यतेन्द्र कुमार पाल से न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। फिलहाल यह जानकारी डीडीसी के संज्ञान में नहीं है। दुकानदार बृज किशोर प्रसाद, साबिर हुसैन, संतोष कुमार, सुडु, इश्हाक मियां, टूना मियां, विजय सिंह, प्रभाकर सिंह, बिजली सिंह समेत दर्जनों दुकानदारों ने बताया कि जिला परिषद के टेक्निकल अफसर और उच्च पदाधिकारी के निष्क्रियता के कारण दुकानों का आवंटन आज तक नहीं किया गया जो काफी खेद का विषय है। फिलहाल दुकानदार अपने दुकान के आगे कब्जा कर किसी तरह दुकान चला रहे हैं।
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