आंधी और बारिश से आम-लीची को नुकसान, ईंट व्यवसाय प्रभावित
का असर है । जिन किसानों ने मक्के की कटाई कर खलिहान में टाल लगा रखा था और प्लास्टिक शीट के जरिए अपनी मेहनत को बचाने की कोशिश की है, उसकी फसल नुकसान से बच गयी है लेकिन वे तेज हवा के कारण आम और लीची...
बनियापुर। एक प्रतिनिधि
वैश्विक कोरोना की संकट के बीच बुधवार को अचानक बदले मौसम के मिजाज ने किसानों को एक बार फिर परेशान कर दिया है। तेज हवा के साथ बारिश के कारण प्रखण्ड में आम और लीची की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसान काफी चिंतित हैं। तेज हवा और बारिश से आम के पेड़ों पर लगे फल टूटकर बर्बाद हो गए हैं। वहीं लीचियां पकने से पहले ही टूट गयीं। पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा है। लगातार लॉक डाउन से किसान पहले ही परेशान थे। वे आर्थिक संकट से गुजर रहे थे। इस बीच आम व लीची की फसलों की बर्बादी ने किसानों को दुबारा आर्थिक संकट की ओर धकेल दिया है। लीची की खेती करने वाले बिपिन कुमार सिंह व अशोक सिंह ने बताया कि फसलों की देखभाल के लिए महीनों समय देना पड़ता है। लीची की पैदावार के लिए छह से सात माह तक का समय लगता है। आज जब फसल तैयार हो रही तो कुदरत ने कहर बरपा दिया। उन्होंने बताया कि लीची की उपज को देखकर अच्छी कमाई की उम्मीद थी। आम के पेड़ों पर भी फल लदे थे। तेज हवा के साथ आई बारिश के बाद पच्चीस प्रतिशत फसल नुकसान होने का अंदेशा है। यदि मौसम की बेरूखी इसी तरह बनी रही तो भारी क्षति उठाने के लिए किसानों को तैयार रहना पड़ेगा। इधर, खीरा के खेत में बारिश का पानी जमने से भी कुछ किसान परेशान हैं। किसान त्रिलोकी नाथ ने बताया कि एक तो ख़रीदार नहीं मिल रहे। ऊपर से मौसम की मार ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
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