कुपोषण मुक्त सारण के लिये सभी की सहभागिता जरूरी
21 परियोजना में चल रहा है कार्यक्रम 4638 आंगनबाड़ी केंद्र हैं सारण में छपरा, नगर प्रतिनिधि। कुपोषण मुक्त सारण के लिये सभी की सहभागिता जरूरी है। सारण में आज भी कुपोषण एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या...

छपरा, नगर प्रतिनिधि। कुपोषण मुक्त सारण के लिये सभी की सहभागिता जरूरी है। सारण में आज भी कुपोषण एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जो बच्चों की वृद्धि, शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधक है।सारण में पोषण संबंधी जागरूकता की कमी है। कुपोषण, एनीमिया और अस्वस्थ जीवनशैली जैसे छिपे हुए संकटों से लड़ने के लिए पोषण पखवारा चल रहा है।पोषण एक ऐसी चीज है जिसकी हर जरूरत हर उम्र के व्यक्ति को होती है। बच्चों के लिए तो यह विकास का आधार है क्योंकि पोषण के बिना बच्चों का सही तरह से विकास हो पाना मुश्किल है। इसी उद्देश्य से पोषण पखवाड़ा 2025 का आयोजन किया जा रहा है।बच्चों और महिलाओं को स्वस्थ एवं पौष्टिक खाना देना होगा। इसमें बच्चों की जिंदगी के पहले 1000 दिनों में पोषण देने पर फोकस किया जाता है। यह बातें छपरा सदर शहरी परियोजना के सेक्टर चार में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 57 पर पोषण पखवारा 2025 के तहत सेक्टर स्तरीय कार्यक्रम उद्घाटन के दौरान पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह व बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ममता कुमारी ने संयुक्त रूप से कही। पोषण अभियान के जिला समन्वयक एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने एक गर्भवती महिला किरण कुमारी को पोषण की पोटली देकर गोद भराई व 6 माह के बच्चे अर्थ आनन्द का अन्नप्राशन खीर खिलाकर किया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को गोद भराई व अन्नप्राशन के महत्व के बारे में जानकारी दी गई! जिला समन्वयक ने कहा कि इस बार का सातवां पोषण पखवारा मनाया जा रहा है जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र स्तर विभिन्न प्रकार के गतिविधियों का आयोजन कैलेंडर के अनुरूप पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति आमजन को जागरूक किया जा रहा है! छपरा सदर शहरी की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ममता कुमारी ने जीवन के 1000 दिवस के महत्व व पौष्टिक भोजन और मोटे अनाज को अपने खान-पान में शामिल करने के बारे में जानकारी दी। इसके लाभ के बारे में बताया गया! इस कार्यक्रम में मिलेट रेसिपी व पौष्टिक आहार के प्रदर्शनी के द्वारा इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को पोषण स्वास्थ्य के प्रति अपने खान-पान में पौष्टिक आहार को शामिल कर कुपोषण को दूर करने के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम का समापन पोषण रैली से हुआ। इस कार्यक्रम में महिला पर्यवेक्षक पूनम कुमारी ,सोनम सिंह व अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई। महिलाओं को किया गया जागरूक पोषण अभियान के तहत महिलाओं को जागरूक किया गया। यह भी बताया गया कि पोषण पखवारा केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह जन-जन से जुड़ा एक सामाजिक आंदोलन है। इसके माध्यम से हम एक स्वस्थ, जागरूक और सक्षम पीढ़ी की नींव रख सकते हैं।कुपोषित बच्चों की समय पर पहचान और उन्हें चिकित्सा व परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।पोषण ट्रैकर और सी-एसएएम मॉड्यूल के जरिए तकनीकी निगरानी और पोषण सुधार की प्रभावी व्यवस्था.आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण मेले, पोषण थाली, पोषण परामर्श जैसी गतिविधियों से ग्रामीण समुदाय में जागरूकता बढ़ेगी। अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने को अभियान आईसीडीएस की डीपीओ अनुपमा कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं द्वारा गृह भ्रमण कर गर्भवती माताओं के 1000 दिन के महत्व से संबंधित जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक पोषण की आवश्यकता होती है। गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण, टीकाकरण और खून की कमी वाली महिलाओं को विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया जा रहा है। क्योंकि जब तक गर्भवती महिलाएं पोषित नही होंगी। तब तक नवजात शिशु स्वास्थ और सुरक्षित नहीं रहेगा। इसी को लेकर अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण से निजात दिलानी है। राष्ट्रीय पोषण माह को अभियान से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मियों से जन आंदोलन के रूप में मनाने का आह्वान किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर आमलोगों के बीच जन- जागरूकता के लिए पूरे जिले में पोषण रैली, प्रभात फेरी और साइकिल रैली, पोषण शपथ कार्यक्रम औैर पोषण शपथ हस्ताक्षर अभियान का आयोजन भी किया जाएगा। जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर समुदाय आधारित गतिविधियां जैसे- गोदभराई सह सुपोषण दिवस और अन्नप्राशन के साथ ही आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा गृह भ्रमण कर विभिन्न बिंदुओं को लेकर कार्यक्रम का अयोजन हो रहा है।
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