Hindi Newsबिहार न्यूज़छपराChhath Puja Festival Concludes with Enthusiasm and Devotion

हर ओर छठ की छटा, उदीयमान सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्य

लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। सारण के घाटों पर व्रतियों का जनसैलाब उमड़ा। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। व्रतियों ने सुख-शांति और...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराFri, 8 Nov 2024 09:06 PM
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इंट्रो- लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया। सारण के घाटों पर छठ पूजा के मौके पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। ज्यादा भीड़ सुबह वाले अर्घ्य के समय रही। कई घाटों पर भीड़ कुछ देर के लिए अनियंत्रित भी हुई पर स्थानीय पूजा समिति व जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया। न्यूमेरिक 29 छठ घाट हैं नगर निगम क्षेत्र में 03 बजे भोर से ही पहुंचने लगे थे घाटों पर व्रती 04 दिवसीय छठ महापर्व का हुआ समापन फोटो- 1- शहर के सामने गंगा नदी घाट पर जुटे छठव्रती व अस्त हो रहे सूर्य का अनुपम दृश्य 2- जान टोला घाट पर गंगा नदी में अर्घ्य देने के पहले ध्यान लगाती व्रती 5- गंगा नदी में अस्ताचलगामी भास्कर को प्रणाम करतीं महिला व्रती 6- रिविलंगज सरयू नदी घाट पर व्रतियों की भीड़ 32- धर्मनाथ मंदिर गंगा घाट पर अर्घ्य देने वालीं व्रती 36- शहर के राजेन्द्र सरोवर घाट पर अर्घ्य देने के लिए जुटे व्रती 37- गंगा नदी घाट पर कोसी भरतीं महिलाएं 11- मुसेपुर शिव मंदिर के प्रांगण स्थित कृत्रिम तालाब में भगवान भास्कर को अर्ध्य देते व्रती 26- कोहड़ा बाजार पर भगवान भास्कर की स्थापित प्रतिमा 33- रिविलगंज में सरयू तट पर छठ की कथा सुनतीं व्रती महिलाएं पेज चार की लीड छपरा, नगर प्रतिनिधि। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही शुक्रवार को चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया। घाटों पर छठ पूजा के मौके पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। यह शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के हर घाट पर देखने को मिला। छठ व्रतियों ने देश, समाज और परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। छठ के गीतों से पूरा सारण छठमय हो गया। छठ घाट पर इलेक्ट्रिक लाइट की सजावट की गई थी। गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर कोअर्घ्य देने के लिए शहर से सटे नदी घाटों के अलावा राजेंद्र सरोवर घाट, प्रभुनाथ नगर सहित अन्य जलाशयों पर छठ व्रतियों का तांता दोपहर तीन बजे से ही घाटों की ओर लग गया था। इस दौरान घाटों, तालाबों व घर की छतों पर बने घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। महापर्व संपन्न होते ही जिला प्रशासन और नगर निगम पदाधिकारियों ने राहत की सांस ली। सीसीटीवी, वीडियो कैमरा व ड्रोन से स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही थी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सिविल डिफेन्स की टीम भी मुस्तैद थी। मेडिकल कैंप निरंतर सक्रिय था। छठ की मनोरम छटा दिखी हर ओर छठ की मनोरम छटा दिखी। बाजार से लेकर छठ घाटों तक लोगों की भीड़ जुटी रही। छठ घाटों पर अलौकिक माहौल और भक्ति व श्रद्धा का महाकुंभ दिखा। भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए जिले के सभी छठ घाटों को लाइट से सजाया गया था। पारंपरिक छठ गीतों से पूरा इलाका गुंजायमान हो रहा था। व्रतियों की सुविधाओं के लिए चेंजिंग रूम से लेकर अन्य व्यवस्था की गयी थी। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए दूध, गंगाजल, अगरबत्ती से लेकर अन्य सुविधा विभिन्न सामाजिक संस्थानों के स्वयंसेवक तत्पर दिखे। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ घाटों के किनारे चाय व हलवा की व्यवस्था की गयी थी। शहर के राजेंद्र सरोवर, शाह बनवारी लाल पोखरा, सीढ़ी घाट सहित अन्य छठ घाटों पर व्रतियों ने अर्घ्य दिया। छठ घाटों तक व्रतियों के पहुंचने में असुविधा नहीं हो, इसको ले लाइट की व्यवस्था की गयी थी। रंग-बिरंगी रोशनी से अलग दृश्य प्रस्तुत हो रहा था। छठ घाटों पर विभिन्न स्वयंसेवी संस्थानों की ओर से स्टॉल लगाया गया था। सुबह तीन बजते ही व्रती निकल गए सुबह तीन बजते ही व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ घाटों की ओर निकलने लगे। हालांकि कई ऐसे परिवार भी देखने को मिले जिन्होंने कोसी आदि भरने का कार्य घाट पर ही किया। कोसी भरने के बाद भी रात भर घाटों पर ही डटे रहे । अब व्रतियों को दीनानाथ के उगने का इंतजार था। व्रती उत्सुकता के साथ सूर्य के उगने का इंतजार कर रहे थे। शुक्रवार की सुबह घाटो पर गुरुवार की शाम की अपेक्षा काफी अधिक भीड़ थी। व्रती महिलाएं नदी अथवा तालाब में खड़े होकर भगवान सूर्य की प्रार्थना कर रही थी ।जैसे सूरज की लालिमा क्षितिज पर आने लगी माहौल अचानक बदल गया। व्रतियों के हाथों में प्रसाद भरे कलसूप दिए जाने लगे और ' ॐ एहि सूर्य सहस्त्रांसु तेजो राशि जगत्पते अनुकम्पाय ....मंत्र से अर्घ्य दिलाया लाया। फिर सूर्य षष्ठी व्रत कथा व्रतियों ने सुनी। तुलसी दल और गंगाजल से पारण कर घर की ओर व्रती चल दिये। इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण किया ।सुबह के तीन-चार बजे हवाओं के साथ सभी घाट दीयों से जगमगा रहे थे। कई छठव्रती सूर्योदय से काफी पहले नदियों में डुबकी लगाए। इनके परिजन दीप जलाकर घाट किनारे बैठे रहे। घाट से घर तक का माहौल रहा भक्तिमय घाट से लेकर घर तक का माहौल भक्तिमय बना रहा। कांच के बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए...होख न सुरुजदेव सहाय... बहंगी घाट पहुंचाए...छपरा के घाट पर हमहूं अरधिया देबई हे छठी मईया...केलवा जे फरेले घवद से वोह पर सुगा मंड़राए जैसे गीत पटना में गूंजते रहे। शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत शरबत और प्रसाद ग्रहण कर खोला। इससे पहले व्रतियों ने हवन-पूजन किया। इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य की कामना की। व्रतियों के पांव छूने के लिए उमड़े लोग मन्नत पूरी होने के बाद कई छठ व्रती घाट तक दंडवंत करते जाते हैं। इन छठव्रतियों का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालु पांव छूते रहे। अर्घ्य देने जाने वाले श्रद्धालुओं को आम का दातुन, पूजा सामग्री, कच्चा दूध आदि का वितरण घाट जाने वाले रास्तों पर पूजा समितियों द्वारा स्टॉल लगाकर किया गया। पूजा समितियों द्वारा रास्तों की सफाई से लेकर रोशनी की व्यवस्था तक में सहयोग दिया गया। मांगकर खाया प्रसाद छठ पर प्रसाद मांगकर खाने की परम्परा रही है। छठ घाटों पर प्रसाद मांगकर खाते लोगों ने छठ की महानता को दर्शाया। इस परम्परा के माध्यम से आम से खास की दूरी खत्म हो जाती है। पहली बार छठ कर रही अनामिका ने बताया कि व्रत कर खास अनुभूति महसूस हो रही है। पारण करने के बाद व्रतियों ने ठेकुआं और केला-सेब भी बांटे। समितियों ने की मदद शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न नदी घाटों छठ पूजा समितियों ने व्रतियों का पूरा ख्याल रखा। सुर्यास्त के अर्घ्य का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद रात में समितियों के सदस्यों ने मुख्य सड़क से लेकर घाट की सफाई की। इस कार्य में हर समिति के सदस्य लगे हुए थे। स्थानीय लोगों ने भी उनकी मदद की। कई मोहल्लों के लोग रात में सफाई कार्य देखकर अचरज में पड़ गए। उन्हें पता चला कि छठ पूजा समिति की सदस्य है तो वे साथ हो लिए। रात में ही चूना का छिड़काव सड़कों पर किया गया। कई सड़कों के किनारे को सदस्यों ने पेंट भी कर दिया था। गोताखोर व एसडीआरएफ के जवान करते रहे निगरानी जिले के विभिन्न स्थानों पर छठ घाटों के दलदल होने की सूचना लाउडस्पीकर से भी निरंतर प्रसारित होती रही जिसको लेकर दंडाधिकारियों ने अस्ताचलगामी छठ का पूजन करने आये श्रद्धालुओं को किनारे से ऊपर ही सूप आदि रखने का निर्देश दिया। गोताखोर और एसडीआरएफ के जवान नाव से निगरानी करते रहे। बैरिकेडिंग होने से घाट पर कोई हादसा नहीं हो सका। सुहाने मौसम में मना छठ, सुबह में ठंड रही गायब हवा के बदल रहे रुख के कारण दिन-रात का मौसम सामान्य बना हुआ है। बीते पांच साल में पहली बार छठ सुहाने मौसम के बीच मना। छठ की शाम यानी गुरुवार को जहां गुनगुनी गर्मी के बीच लोगों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया तो वहीं सुबह में सुहाने मौसम के बीच त्योहार मना। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 28.7 व न्यूनतम18.8 डिग्री सेल्सियस रहा। सोनपुर अनुमंडल में धूमधाम के साथ मना छठ व्रत सोनपुर अनुमंडल के विभिन्न गांवों व नगर पंचायत में नहाय खाय से शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा का शुक्रवार को चौथे दिन उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया। सोनपुर, नयागांव, डुमरी बुजुर्ग, भरपुरा चतुरपुर समेत विभिन्न गांव में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। सोनपुर प्रखंड अंतर्गत डुमरी बुजुर्ग स्थित गंगा मही संगम तट पर जन जागरण छठ पूजा पर हुआ। मंडप के नीचे कोसी को रखकर किया पूजन छठ पर्व पर मनोकामना पूर्ति के निमित्त व्रतियों ने गुरुवार को कोसी भरा था। शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के समय कोसी को गन्ने के बने मंडप के नीचे रखकर दीप प्रज्ज्वलित करके पूजन-अर्चन किया। शहर की संयोगिता ने बताया कि नाती के पैदा होने पर कोसी भरने की कामना की थी, जो पूर्ण हुई। गुदरी के अशोक कुमार के परिवार की महिलाओं ने नया मकान बनने के निमित्त कोसी भरा था। कोसी की सात बार परिक्रमा कर सुख-समृद्धि की कामना की। - डीएम व एसपी ने नदी में बोट पर सवार होकर छठ घाटों की सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा रिविलगंज , मांझी व सोनपुर के विभिन्न घाटों पर पहुंच कर सुरक्षा व्यवस्था देखी जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र में छठ को लेकर थाना परिसर में बनाए गए थे कंट्रोल रूम फोटो 15 रिविलगंज के सरयू नदी में बोट पर सवार होकर घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते एसपी व डीएम छपरा, हमारे संवाददाता। जिले के सभी छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कई खतरनाक घाटों पर एनडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई थी ताकि जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ की टीम नदी में डूब रहे लोगों को बचा सके। रिविलगंज के सरयू नदी किनारे बोट पर सवार होकर घाटों पर की गई सुरक्षा व्यवस्था का जायजा एसपी डॉ कुमार आशीष व डीएम अमन समीर ने लिया। दोनों पदाधिकारी मांझी से लेकर डोरीगंज, अवतार नगर, दिघवारा, नयागांव, परमानंदपुर तथा सोनपुर तक गये। इन दोनों पदाधिकारी ने बोट के माध्यम से छठ घाटों का दौरा किया। सभी संबंधित थानाध्यक्षों को विशेष रूप से निर्देश दिया। सभी महत्वपूर्ण थाना में कंट्रोल रूम बनाया गया था जहां पुलिस पदाधिकारी 24 घंटे ड्यूटी पर मौजूद थे। एसपी ने बताया कि सोनपुर से लेकर रसूलपुर तक विभिन्न छठ घाटों पर 500 से अधिक जवानों की तैनाती की गई थी। 300 पुलिस पदाधिकारी लगाए गए थे। शहरी व देहाती थाना क्षेत्र में विशेष रूप से पेट्रोलिंग की जा रही थी। कई स्थानों पर वाहन चेकिंग भी चलायी गयी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुर पुल पर भगवान बाजार थानाध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह, नेवाजी टोला चौक पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर विशाल आनंद व राजेंद्र सरोवर श्री नंदन पथ पर टाउन थाना इंस्पेक्टर संजीव कुमार को विशेष रूप से विधि व्यवस्था को देखते हुए मॉनिटरिंग के लिए लगाया गया था। वहीं यातायात व्यवस्था में 100 से अधिक जवान की तैनाती यातायात डीएसपी बसंती टुडू के द्वारा की गयी थी।

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