पुल का संपर्क पथ नहीं बनने से वाहनों का आवागमन है ठप
दरियापुर प्रखंड को परसा से जोड़ने वाले पुल का संपर्क पथ नहीं पास नहर में लाखों की लागत से पक्का पुल बनकर विगत कई महीनों से तैयार है। सड़क भी बन गई है लेकिन पुल का संपर्क पथ आज तक नहीं बन पाया। लिहाजा...
दरियापुर। स्थानीय प्रखंड को परसा से जोड़ने वाले पुल का संपर्क पथ नहीं बनने से वाहनों का आवागमन महीनों से ठप है। गौरतलब हो कि ठीका - परसा पथ पर सारनाथ चक के पास नहर में लाखों की लागत से पक्का पुल बनकर विगत कई महीनों से तैयार है। सड़क भी बन गई है लेकिन पुल का संपर्क पथ आज तक नहीं बन पाया। लिहाजा बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप है। ज्ञात हो कि वर्षों से लोगों की मांग थी कि ठीका परसा पथ का पक्कीकरण किया जाए। साथ ही नहर पर पुल बनाया जाए। सरकार ने पहल की। पुल के साथ साथ पक्की सड़क भी बन गई लेकिन पुल का संपर्क पथ नहीं बन सका। यह सड़क स्थानीय प्रखंड को परसा से जोड़ती है। दर्जनों गांवों के 20 हजार की आबादी प्रभावित इस पथ से ठीका महम्मदपुर,मठिया,बेला,भूसी टोला, मानुपुर,ककरहट, सहित दर्जनों गांवों के लोग इस रास्ते से आवागमन करते हैं।साथ ही परसा की तरफ से भी पोझी, बनिया,सारनाथ चक आदि गांवों के लोग इसी रास्ते से डेरनी,दिघवारा,गड़खा आदि जगहों पर आते जाते हैं।करीब 20 हजार की आबादी इस पुल के संपर्क पथ के नहीं बनने से प्रभावित है। लोगों को रास्ता बदल कर ओर काफी फेरा लगा कर कही आना जाना पड़ रहा है। ठीका गांव निवासी व कांग्रेस नेता अनिल कुमार सिंह,समाजसेवी जयराम मल,रमेश मल आदि ने बताया कि सड़क भी बन गई ओर पुल भी बन गया।लेकिन एप्रोच मार्ग नहीं बनने से इस सरक का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार का सारा प्रयास बेकार लग रहा है। अभी बाइक भी इस पुल से मुश्किल से निकल पा रही है। आखिर एप्रोच मार्ग क्यों नहीं बना, इसकी जांच होनी चाहिए। तरैया में दो हाई स्कूलों में नहीं है चहारदीवारी, हो रही परेशानी तरैया, एक संवाददाता। प्रखंड के हरपुर फरीदन उत्क्रमित हाई स्कूल के चहारदीवारी का निर्माण नहीं हुआ है। इस कारण उक्त स्कूल के मार्ग से अन्य लोगों का आवागमन बना रहता है। इससे पठन पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। प्रथम वर्ग से लेकर पांचवे वर्ग तक बच्चे को खेलने एवं रहने में खतरा की स्थिति बनी रहती है। अभिभावकों ने बताया कि स्कूल के परिसर में सटे ग्रामीण सड़क है। इस पर वाहनों की आना-जाना बना रहता है। इससे बच्चे को खेलकूद करने में खतरा बना रहता है। वहीं ग्रामीणों द्वारा स्कूल परिसर को कभी कभी अतिक्रमण कर लिया जाता है। इस सम्बंध में प्राचार्य अरुण कुमार चौबे ने बताया कि चहारदीवारी कराने के लिए भूमि नापी के लिए अंचल में लगभग सात माह से आवेदन दिया गया है। मापी के अभाव में चाहर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इधर माधोपुर उत्क्रमित हाई स्कूल का भी चहारदीवारी नहीं है। यहां भी वही स्थिति बनी हुई है। बच्चों को खेल कूद करने में परेशानी होती हैं।
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