हिंदी साहित्य में बिहार का योगदान विषय पर राष्ट्रीय वेब व्याख्यान आयोजित
छपरा के गंगा सिंह महाविद्यालय के हिंदी विभाग ने 'हिंदी साहित्य में बिहार का योगदान' पर राष्ट्रीय वेब व्याख्यान आयोजित किया। प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने बिहार के साहित्यिक योगदान को रेखांकित...
छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। गंगा सिंह महाविद्यालय, छपरा के हिंदी विभाग द्वारा "हिंदी साहित्य में बिहार का योगदान" पर राष्ट्रीय वेब व्याख्यान का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने अपने स्वागत भाषण में बिहार के ज्ञान, अध्यात्म, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि से लेकर फणीश्वरनाथ रेणु तक, बिहार की भूमि ने महान साहित्यकारों को जन्म दिया है, जिनका प्रभाव साहित्य और समाज पर गहरा पड़ा है। रिसोर्स पर्सन डॉ. रणजीत कुमार ने हिंदी भाषा के विकास में बिहार के योगदान का विस्तार से वर्णन करते हुए सिद्धों-नाथों की परंपरा और सरहपा, नालंदा के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने जॉर्ज ग्रियर्सन के भाषा कार्यों को भी सराहा। डॉ. चंदन श्रीवास्तव ने "बिहारी होने" के अर्थ और बिहार के लेखकों के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला। वहीं, तीसरे वक्ता डॉ. कुमार सौरव ने फणीश्वरनाथ रेणु के मैला आंचल की आंचलिकता पर विचार साझा करते हुए आलोचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम का समापन डॉ. संतोष कुमार सिंह ने किया, जिन्होंने बिहार की ऊर्जावान भूमि और इसके साहित्यिक योगदान की महत्ता पर जोर दिया। इस वेब व्याख्यान में देशभर से प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी जुड़े और विषय पर गहन संवाद स्थापित किया।इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. दिनेश कुमार यादव द्वारा किया गया।
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