द बर्निंग ट्रेन होने से बची बिहार संपर्क ट्रेन, चालक ने ट्रेन रोकी
को दी। बताया गया है कि एकमा स्टेशन से ट्रेन निकली ही थी कि लोको पायलट ने रेल किनारे आग की लपट और धुआं को देखा। सहायक लोको पायलट कृष्ण प्रताप सिंह जब आगे बढ़े तो देखा तो रेल ट्रैक के किनारे असामाजिक...
छपरा-सीवान रेलखंड पर एकमा और आमडाढ़ी के बीच की है घटना
रेल किनारे असामाजिक तत्वों ने झाड़ी लगा दी थी आग
हमारे संवाददाता
छपरा। छपरा-सीवान रेल खंड पर एकमा व आम डाढी के बीच मंगलवार को अप बिहार संपर्क क्रांति स्पेशल ट्रेन द बर्निंग ट्रेन होने से बच गई। लोको पायलट लक्ष्मीकांत राम ने आग की लपट के पहले ही ट्रेन को रोक दिया।और तत्काल इसकी सूचना गार्ड कन्हैया कुमार को दी। बताया गया है कि एकमा स्टेशन से ट्रेन निकली ही थी कि लोको पायलट ने रेल किनारे आग की लपट और धुआं को देखा। सहायक लोको पायलट कृष्ण प्रताप सिंह जब आगे बढ़े तो देखा तो रेल ट्रैक के किनारे असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी थी। कुछ यात्री, लोको पायलट सहायक लोको पायलट ने मिलकर किसी तरह से मिट्टी फेंक कर आग को बुझाया । इस दौरान 10 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही और फिर गार्ड ने हरी झंडी दिखाई। उसके बाद ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ। लोको पायलट में अगर अपनी सूझबूझ का परिचय नहीं दिया होता तो आग इंजन में पकड़ लेता और बड़ा हादसा हो जाता। मालूम हो कि आग की लपट और धुआं इस कदर आसमान में फैला हुआ था कि कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। अक्सर इस तरह की घटनाएं असामाजिक तत्वों के द्वारा कर दी जाती है जिससे बड़ा हादसा होने का डर रहता है।
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