निजी स्कूलों पर CBSE ने कसा नकेल, NCERT की किताबें चलाएं नहीं तो होगी यह कार्रवाई
सीबीएसई ने नोटिफिकेशन निकाल कर इसका आदेश सभी स्कूलों को दिया है। इसकी जांच बोर्ड द्वारा रेंडमली की जाएगी। अगर कोई स्कूल आदेश का उल्लंघन करते हुए पकड़ा आएगा तो उनकी मान्यता बोर्ड द्वारा समाप्त रद्द कर दी जाएगी।
बिहार समेत अन्य राज्यों में बच्चों की पढ़ाई सामान्य परिवारों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है क्योंकि निजी स्कूलों में भारी भड़कम फीस के अलावे महंगी किताबें चलाई जाती हैं। गार्जियन को फोर्स किया जाता है कि किसी खास दुकान से और स्कूल द्वारा तय किए गए प्रकाशकों की किताबें खरीदें। किताब के नाम पर उनसे अच्छी खासी रकम वसूल की जाती है। सीबीएसई ने इसे लेकर एक अहम आदेश जारी किया है। कहा गया है कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सभी निजी स्कूलों को एक से आठवीं तक एनसीईआरटी की किताबें चलानी होगी।
सीबीएसई ने नोटिफिकेशन निकाल कर इसका आदेश सभी स्कूलों को दिया है। इसकी जांच बोर्ड द्वारा रेंडमली की जाएगी। अगर कोई स्कूल आदेश का उल्लंघन करते हुए पकड़ा आएगा तो उनकी मान्यता बोर्ड द्वारा समाप्त रद्द कर दी जाएगी। सीबीएसई ने कहा है कि अगर एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में स्कूल डिजिटल कंटेंट से पढ़ाई करवाएं। डिजिटल कंटेंट एनसीएफ-एसई (राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा) पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा सीबीएसई ने नौवीं से 12वीं तक के सभी विषयों का भी डिजिटल कंटेंट तैयार किया है। इस डिजिटल कंटेंट को सीबीएसई वेबसाइट पर भी डाला गया है। जिन विषयों की किताबें उपलब्ध नहीं है, उन विषयों का डिजिटल कंटेंट बोर्ड वेबसाइट पर उपलब्ध कर दिया गया है। संबंधित स्कूल उन विषयों का डिजिटल कंटेंट डाउनलोड करके पढ़ाई करवायेंगे।
बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि सीबीएसई हमेशा से सस्ती और सुवधाजनक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात कहती है। लेकिन स्कूलों के संचालक किताब नहीं होने का बहाना बना कर निजी प्रकाशन की किताबें अपनी संस्थाओं में चलाते हैं। इसको देखते हुए बोर्ड ने एनसीईआरटी की डिजिटल कंटेंट तैयार किया है और पत्र भेजकर यही किताबें स्कूलों में चालान
किताबें चलाने की जानकारी लिखित देनी है स्कूलों को
सीबीएसई ने कहा है कि स्कूल में एनसीईआरटी की किताबें चल रही हैं इसकी जानकारी स्कूल प्राचार्य को लिखित देनी है। इसके लिए बोर्ड ने सभी प्राचार्य से लिखित आश्वासन मांगा है। अगर बोर्ड द्वारा दी गयी किताबें नहीं चलायी जाती है तो इसकी पूरी जिम्मेवारी बोर्ड की होगी। ऐसे स्कूल के खिलाफ बोर्ड की ओर से कार्रवाई की जाएगी।