खुले आसमान तले जिंदगी बसर करने को मजबूर महादलित
जाड़े में महादलित परिवारों की मुसीबतें बढ़ रही हैं। सफाखाना रोड की बस्ती में लोग बेघर हैं और खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। यहां पेयजल, शौचालय और बिजली की सुविधाएं नहीं हैं। स्थानीय...
पेज पांच के लिए ------- उपेक्षित साफाखाना रोड के महादलितों को आवास नहीं है जाड़े में बच्चों को सुरक्षित रखने में गुजरती है रात डुमरांव, निज संवाददाता। जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है। वैसे-वैसे बेघर महादलित परिवारों की मुसीबत बढ़ रही है। शहर के महादलितों को घर तक नसीब नहीं है। वैसे परिवार जाड़े के मौसम में भी खुले आसमान तले जिंदगी बसर करने को विवश हैं। नगर के घनी आबादी के बीच सफाखाना रोड में महादलित बस्ती है। इस बस्ती में मुसहर बिरादरी के लोग रहते हैं। आवास की सुविधा किसी परिवार को नहीं मिली है। परिवार के वयस्क लोगों की रात्रि बच्चों को सुरक्षित रखने में ही गुजर जाती है। बस्ती के जितेन्द्र मुसहर, लल्लु मुसहर सहित कई लोगों ने बताया कि बस्ती में तीन चापाकल लगा था। लेकिन, तीनों चापाकल खराब पड़ा है। जिससे पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। वहीं, चापाकल बनाने के लिए मिस्त्री आया तो सामान लेकर चला गया। इसके बाद दुबारा नहीं आया। वहीं, पेयजल के लिए बोरिंग लगा है। लेकिन बिजली नहीं रहने पर पेयजल आपूर्ति का इंतजार करना पड़ता है। बिजली के पोल और तार लगाए गए हैं। लेकिन, काफी घरों में कनेक्शन नहीं दिया गया है। जिससे शाम होते ही इनके घरों और मुहल्लों में अंधेरा पसर जाता है। बस्ती में शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है। जिससे महादलित परिवार के लोग खुले में शौच को जाते हैं। इस संबंध में नप चेयरमैन सुनीता गुप्ता व ईओ मनीष कुमार ने बताया कि महादलितों की सुविधा के लिए बस्ती का चयन किया गया है। शीघ्र ही सारी सुविधाएं बहाल करा दी जाएंगी।
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