नहर मार्ग पर कूड़ा डंप करने से परेशान हो रहे राहगीर
नावानगर में कूड़ा प्रबंधन की कमी के कारण खुले में कचरा डंप हो रहा है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। सफाई कर्मी कूड़े को सड़क किनारे फेंक रहे हैं, जिससे राहगीरों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। लाखों...

अनदेखी कूड़ा प्रबंधन के अभाव में खुले में डंप हो रहा कचरा लाखों खर्च करने के बाद भी प्रदूषित हो रहा माहौल नावानगर, एक संवाददाता। स्वच्छता अभियान के तहत डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव कर वाहवाही लूटने वाली पंचायतें कचरा प्रबंधन में फिसड्डी साबित हो रही हैं। जिससे क्षेत्र के वातावरण में प्रदूषण का जहर घुल रहा है। उचित प्रबंधन के तरीके के अभाव में हर दिन लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़े को सफाई कर्मी गांव के बाहरी हिस्से में सड़क किनारे कहीं भी फेंक दे रहे हैं। जिससे कूड़े से उठने वाला दुर्गन्ध राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बना है। नावानगर प्रखंड क्षेत्र में डुमरांव शाखा नहर मार्ग पर बुढ़ैला पुल के पास कूड़ा डंप किया जा रहा है। सफाई कर्मियों द्वारा सड़क किनारे खुले में कूड़ा फेंका जा रहा है। जबकि, कूड़े को खुले में फेंकने के बजाए उसके प्रबंधन का प्रावधान है। इसके लिए सूखे व गीले दोनों तरह के कूड़ों का अलग-अलग प्रबंधन किया जाना है। लेकिन, लाखों रुपये खर्च के बाद भी उचित प्रबंधन के अभाव में कूड़-कचरा लोगों की परेशानी का कारण बनता जा रहा है। नहर मार्ग से यात्रा करने वाले राहगीरों को कूड़े से उठता दुर्गंध विचलित कर रहा है। दूसरी ओर, खुले में कूड़ा फेंके जाने से प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन हो सकती है। प्रबंधन के अभाव में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव के औचित्य पर सवाल उठने लगा है। क्षेत्र के प्रबुद्धजनों ने डीएम का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।
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