सदर अस्पताल सहित जिले के पांच स्वास्थ्य केंद्र उत्कृष्ट सेवा के लिए चयनित
राज्य स्वास्थ्य समिति ने बक्सर जिले के स्वास्थ्य संस्थानों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कृत किया। सदर अस्पताल ने 80.3% अंक प्राप्त किए, जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नावानगर, इटाढ़ी और सिमरी को...

पेज पांच की लीड --------- संकल्पित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नावानगर को 75.93 प्रतिशत, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटाढ़ी को 72.9 प्रतिशत व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी को 74 प्रतिशत अंक राज्य स्वास्थ्य समिति ने कार्य में गुणवत्ता के आधार पर अस्पतालों का किया है चयन कायाकल्प के समकक्ष मूल्यांकन में सदर अस्पताल ने 80.3 प्रतिशत हासिल हुआ है 03 लाख सदर अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मिलेगा एक-एक लाख फोटो संख्या- 23 कैप्सन-सदर अस्पताल। बक्सर, हमारे संवाददाता। जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में उत्कृष्ट सेवाओं, साफ सफाई और बेहतर अधारभूत संरचना को लेकर संकल्पित है। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले के पांच स्वास्थ्य संस्थानों का चयन किया है। इनमें सदर अस्पताल बक्सर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ब्रह्मपुर, नावानगर, इटाढ़ी व सिमरी का चयन हुआ है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सदर अस्पताल को तीन लाख रुपये की पुरस्कार देगी। वहीं ब्रह्मपुर, नावानगर, इटाढ़ी एवं सिमरी के सीएचसी को एक-एक लाख रुपए का सराहना पुरस्कार मिलेगा। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवती ने बताया अस्पतालों ने लगातार बेहतर कार्य किया है। राज्यस्तरीय टीम के कायाकल्प के समकक्ष मूल्यांकन में सदर अस्पताल ने 80.3 प्रतिशत प्राप्त हुआ है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ब्रह्मपुर को 70 प्रतिशत, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नावानगर को 75.93 प्रतिशत, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटाढ़ी को 72.9 प्रतिशत एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी को 74 प्रतिशत अंक मिला है। इसी उपलब्ध के लिए इन पांचों स्वास्थ्य संस्थानों को पुरस्कृत किया जाएगा। पहली अनुशंसा में इटाढ़ी सीएचसी का हुआ चयन जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम मनीष कुमार ने बताया कि कायाकल्प के समकक्ष मूल्यांकन के लिए साथ अस्पतालों की अनुशंसा की गई थी। इनमें पांच का ही चयन किया गया है। चयनित अस्पतालों में इटाढ़ी सीएचसी के अधिकारियों और कर्मियों ने अच्छी भूमिका निभाई है। इन्होंने अपनी पहली अनुशंसा में ही उपलब्धि हासिल कर ली है। बताया कि स्वास्थ्य विभाग के गाइड लाइंस के अनुसार कायाकल्प योजना के तहत अस्पतालों में मुख्य रूप से आठ बिंदुओं पर फोकस किया जाता है। इनमें अस्पताल का अपना भवन, अस्पताल परिसर की स्वच्छता व साफ सफाई, कचरा निष्पादन की व्यवस्था, इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी का क्रियाकलाप, सपोर्ट सर्विस (आउटसोर्स कर्मियों के कामकाज व उपलब्धता), हाइजेनिक प्रोमोशन और बियांड द बांड्री यानि अस्पताल परिसर के बाहर आसपास वाले क्षेत्रों की साफ सफाई का होना शामिल है। साथ ही, साईनेज बोर्ड, आयुर्वेदिक बगीचा आदि को भी शामिल किया गया है। पुरस्कार राशि का 25 प्रतिशत कर्मियों में होगा वितरित जिला सलाहकार रुचि कुमारी ने बताया कि सरकार की ओर से मिलने वाली पुरस्कार राशि इन सभी स्वास्थ्य संस्थानों को प्रदान की जाएगी। उक्त राशि का 25 प्रतिशत स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों को बीच वितरित किया जाएगा। वहीं, 75 प्रतिशत राशि संबंधित अस्पताल के मेंटेनेंस पर खर्च किया जाएगा। कायाकल्प योजना के तहत विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के द्वारा बेहतर चिकित्सीय सुविधाओं का सुधार किया गया हैं, वह न केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, बल्कि इससे स्वास्थ्य विभाग पर भी मरीजों का विश्वास बढ़ा है। क्योंकि यह योजना स्वास्थ्य संस्थानों को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जिसमें अस्पताल केवल इलाज का स्थान नहीं बल्कि एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण का माहौल भी बनाता है। जो मरीजों के अच्छे स्वास्थ्य की ओर एक सार्थक पहल के रूप में भी देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएचसी, यूपीएचसी और एचडब्ल्यूसी ने कई स्तर पर सुधार किए हैं। ये संस्थान न केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, बल्कि इनके कारण स्वास्थ्य विभाग पर मरिजों का विश्वास भी बढ़ा है। इन स्वास्थ्य संस्थानों की इस उपलब्धि से जिले के अन्य संस्थानों को भी प्रेरणा मिलेगी।
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