सिपाही बहाली के लिए दौड़ने निकली युवती की सड़क हादसे में मौत, बहन जख्मी
ली दो बहनों को बेलगाम ट्रक ने कुचल दिया। जिससे बड़ी बहन खुशबू कुमारी ( 22 वर्ष ) की घटना स्थल पर मौत हो गई। जबकि छोटी बहन प्राची उर्फ अंतु कुमारी ( 20 वर्ष ) गम्भीर रूप से जख्मी हो गई। घटना बुधवार की...
नावानगर। एक संवाददाता
एनएच 120 ( डुमरांव-बिक्रमगंज) सड़क पर बसुदेवा ओपी क्षेत्र के आथर गांव के पास सिपाही बहाली के लिए दौड़ने निकली दो बहनों को बेलगाम ट्रक ने कुचल दिया। जिससे बड़ी बहन खुशबू कुमारी ( 22 वर्ष ) की घटना स्थल पर मौत हो गई। जबकि छोटी बहन प्राची उर्फ अंतु कुमारी ( 20 वर्ष )
गम्भीर रूप से जख्मी हो गई। घटना बुधवार की सुबह 4:30 बजे की है। जख्मी युवती का इलाज बक्सर के ग्लोबल अस्पताल में चल रहा है। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने सुबह पांच बजे से ही एनएच को जाम कर आवागमन को प्रभावित कर दिया। जिससे सड़क के दोनों छोर पर वाहनों की लम्बी कतार लग गई । सूचना मिलते ही मौके पर बसुदेवा ओपी प्रभारी बिगाउ राम व सीओ अमरेश कुमार पहुंचे गए। ग्रामीण दुर्घटना के बाद स्थानीय सीएचसी द्वारा एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराने, इलाज में लापरवाही बरतने व प्रशासन की निष्क्रियता का आरोप लगा रहा थे। मौके पर उपस्थित ओपी प्रभारी, सीओ, प्रमुख प्रतिनिधि दिलीप यादव व अन्य जन प्रतिनिधियों के समझाने -बुझाने के बाद लगभग साढ़े आठ बजे सड़क से जाम हटाया गया। तब जाकर सड़क पर वाहनों का आवागमन बहाल हो सका।
बताया जाता है कि आथर गांव निवासी भरत तिवारी की दो बेटियां खुशबू व अंतु बिहार पुलिस बहाली की लिखित परीक्षा पास करने के बाद प्रतिदिन एनएच पर फिजिकल प्रैक्टिस के लिए जाती थी। बुधवार की सुबह भी दोनो बहने अपनी मां व बड़े भाई सतीष तिवारी के साथ सड़क पर दौड़ने गई थी। दोनों बहनें सड़क किनारे दौड़ रही थी। तभी एक बेलगाम ट्रक ने दोनो बहनों को रौंदता हुआ निकल गया। जिससे बड़ी बहन खुशबू की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि छोटी बहन अंतु गम्भीर्य रूप से जख्मी हो गई। मौके पर जुटे ग्रामीणों ने जख्मी को इलाज के लिए स्थानीय सीएचसी में ले गए। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे रेफर कर दिया गया।
नहीं मिला एम्बुलेंस, परिजनों को हुई बहुत परेशानी:
सीएचसी द्वारा जख्मी अंतु कुमारी को रेफर करने के बाद अस्पताल द्वारा एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया गया। इसके चलते जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए बक्सर ले जाने मे परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पिता भरत तिवारी ने बताया कि अहले सुबह की मामला होने के चलते वाहन की व्यवस्था करने में उन्हें काफी समय लग गया। ऐसे में बेटी की जान भी जा सकती थी। इस सम्बंध में पूछे जाने पर चिकित्सा प्रभारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से एम्बुलेंस खराब पड़ा है। जिसकी जानकारी जिला स्वास्थ्य समिति, बक्सर को भेजी जा चुकी है।
लोगों ने कहा फील्ड होता तो नहीं जाती युवती की जान :
गांव की होनहार युवती की मौत से मर्माहत ग्रामीणों ने कहा कि गांव में खेल का मैदान होता, तो युवती की जान नहीं जाती। फील्ड के अभाव में गांव के सभी युवा सड़क पर ही दौड़ की प्रैक्टिस किया करते हैं। इसके चलते हरदम अनहोनी की आशंका बनी रहती है। लोगों ने बताया कि गांव में बुनियादी मध्य विद्यालय का खेल मैदान है। पर जन प्रतिनिधियों व स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा से वह बदहाल स्थिति में है।
परिजनों को मिले चार लाख रुपए के चेक :
मौके पर पहुंचे सीओ द्वारा तत्काल सहायता के रूप में मृतका के पिता को आपदा प्रबंधन की ओर से चार लाख रुपए का चेक उपलब्ध करवा गया। इधर होनहार बेटी को खो चुके परिजनों के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
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