Hindi NewsBihar NewsBuxar NewsSeven-Day Shri Bhagwat Katha Begins in Sagarwan Village Buxar

जलभरी के साथ सगरांव में श्रीमद्भागत कथा आरंभ

बक्सर के सगरांव गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। पहले दिन गाजे-बाजे के साथ जलभरी हुई, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। आचार्य रणधीर ओझा ने कथा के महत्व को बताया और कहा कि यह...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरTue, 6 May 2025 08:12 PM
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जलभरी के साथ सगरांव में श्रीमद्भागत कथा आरंभ

बक्सर, निज संवाददाता। जिले के राजपुर थाना अंतर्गत सगरांव गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। मंगलवार को पहले दिन गाजे बाजे के साथ चौसा से जलभरी की गई। जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। इसके बाद आचार्य रणधीर ओझा ने श्रीमद्भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत भगवान की शब्दमयी मूर्ति है। जिसे वेदव्यासजी ने बनाया है। भगवान स्वयं इस ग्रंथ में प्रतिष्ठित हो गए हैं। महाराजजी ने कहा कि कृष्णावतार में अपनी लीला को परिपूर्ण कर भगवान कृष्ण जब निज धाम जाने लगे। तब उद्धवजी के निवेदन पर भगवान ने अपना श्रीविग्रह श्रीमद्भागवत में प्रतिष्ठित कर दिया।

यह ऐसा अद्भुत ग्रंथ है। जिसमें 6 वक्ता और श्रोता है। भागवत के प्रथम वक्ता नारायण और प्रथम श्रोता ब्रह्माजी है। दूसरे वक्ता स्वयं ब्रह्माजी और श्रोता नारदजी, तीसरे वक्ता नारदजी और श्रोता वेदव्यासजी ,चौथे वक्ता व्यासजी और श्रोता उनके पुत्र शुक्राचार्य (शुकदेव) जी, पांचवे वक्ता शुकदेव जी और श्रोता परीक्षित बने। इन पांचों वक्ताओं के भाव को आत्मसात कर छठे वक्ता बने सूतजी और नैमिषारण्य की पावन भूमि के 88 हजार ऋषि-मुनियों को भागवत कथा सुनाई। आचार्य ने कहा कि सभी कथा श्रवण के अधिकारी हैं। अनेक जन्मों के पुण्य जब उदय होते हैं तो मनुष्य को श्रीमद्भागवत कथा के सत्संग की प्राप्ति होती है। सत्संग से अज्ञान जनित मोह और मद रूपी अहंकार का नाश हो जाता है। इसके बाद विवेक की उत्पत्ति होती है, विवेक से वैराग्य और वैराग्य से कृष्ण के चरणों में अनुराग होता है। आयोजक उदय नारायण यादव ने बताया कि कथा मंगलवार से 12 मई तक चलेगी। कथा में विजय नारायण सिंह, धीरेन्द्र कुमार, अंश कुमार, प्रियव्रत पाण्डेय, अलख पांडेय सहित सैकड़ों श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

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