गंगा-जमुनी संस्कृति से ही समाज में कायम रहेगा भाईचारा
डुमरांव प्रखंड के अरियांव गांव में एक मामूली विवाद को शांत करने के लिए शुक्रवार को शांति समिति की बैठक हुई। एक समुदाय द्वारा धार्मिक स्थलों पर 'शरीफ' शब्द जोड़ने से विवाद उत्पन्न हुआ था, लेकिन प्रशासन...

अच्छी पहल कृष्णाब्रह्म थाना परिसर में शुक्रवार को शांति समिति की हुई बैठक गांव में आपसी भाईचारा व सौहार्द बनाकर रहने की दी गई सलाह कृष्णाब्रह्म, निज प्रतिनिधि। डुमरांव प्रखंड के अरियांव गांव में दो पक्षों के बीच एक मामूली मसले को लेकर उपजे विवाद का शुक्रवार को पटाक्षेप हो गया। गांव के एक खास समुदाय के लोगों ने अपने धार्मिक स्थलों पर अरियांव के साथ शरीफ शब्द जोड़ दिया था, जिसका मायने होता है पाक यानी पवित्र। लेकिन, असामाजिक प्रवृत्ति के चंद लोगों ने इसे ऐसा तूल दिया कि लगा स्थिति वास्तव में गंभीर है। परन्तु, धरातल पर हकीकत कुछ और ही था।
गांव के 99 फीसदी लोगों को मामले की जानकारी तक नहीं थी तथा समाज में आपसी भाईचारा और सौहार्द पूर्व की भांति बनी हुई थी। प्रशासनिक पहल के बाद हालांकि धार्मिक स्थानों से बीते गुरूवार को ही शरीफ शब्द हटा लिया गया था। बावजूद, मामले को तूल देने वाले लोग मिशन में फेल होता देख सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिए। लेकिन, गांव के पढ़े-लिखे बृद्धीजीवी, शिक्षाविद, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक सरोकार से जुड़े लोग उनके उकसावे वाली राजनीति को नोटिस नहीं लिया और गांव का माहौल रोज की तरह शांत बना रहा। मामले को लेकर शुक्रवार को स्थानीय थाना परिसर में शांति समित की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें डुमरांव एसडीएम राकेश कुमार, एसडीपीओ आफाक अख्तर अंसारी, सीओ समन कुमार व थानाध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ दोनों पक्षों के चंद लोग शामिल थे।
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