पेयजल के लिए भटक रहे हैं नगरवासी, अधिकारी-कर्मी मौन
डुमरांव में तीन जलमीनार उपेक्षित हैं, जिनमें तीन दशकों से पानी नहीं भरा गया है। छठ महापर्व के दौरान भी सीधा बोरिंग से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई, जिससे गरीब परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।...
पेज पांच के लिए ----------- उपेक्षित शोभा के वस्तु बने नगर के तीन जलमीनार, नहीं भरा जाता है पानी छठ जैसे महापर्व में भी सीधे बोरिंग से पानी की सप्लाई नहीं की गई डुमरांव, निज संवाददाता। नगर में तीन जलमीनार हाथी दांत साबित हो रहे हैं। प्रखंड कार्यालय के जलमीनार को स्थापित हुए तीन दशक से अधिक समय गुजर गया। लेकिन, इसका पानी पीने के लिए लोग तरस गए हैं। इस जलमीनार में पानी नहीं चढ़ पाता है। वहीं, छठिया पोखरा के पास जलमीनार और ट्रेनिंग स्कूल के पास जलमीनार लगभग एक दशक पहले स्थापित किया गया। लेकिन, इन दोनों जलमीनारों की भी स्थिति बनी हुई है। इतना ही नहीं, इन जलमीनार में पानी भरने के लिए जो बोरिंग लगाया गया है। उनसे भी सीधे जलापूर्ति सही से नहीं हो पाती है। छठ जैसे महापर्व में भी सीधे बोरिंग से पानी की सप्लाई नहीं की गई। जिससे गरीब परिवार के लोगों को सुबह-शाम परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसा कोई दिन नहीं है, जब समयानुसार पानी की सप्लाई होती हो। मोटर चलाने वाले ऑपरेटर से पूछे जाने पर बताया जाता है कि बिजली नहीं रहने से बोरिंग नहीं चलाया जा सका। इस संबंध में पीएचईडी के एसडीओ और जेई से बात करने पर उनका जवाब था कि इसे नगर परिषद देखता है। पीएचईडी का इससे लेना-देना नहीं है।
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