स्कूलों में जंग खा रहे खेलकूद के उपकरण
नावानगर के सरकारी विद्यालयों में खेल उपकरण रखरखाव के बिना बेकार हो गए हैं। छात्रों के खेलने के लिए लगाए गए झूला और चरखी जंग खाकर टूट गए हैं। शिक्षक और विभाग की लापरवाही के कारण बच्चे खेल कूद से दूर...
पेज 6, फोटो संख्या- 15, नावानगर प्लस टू विद्यालय में लगा खेल उपकरण नावानगर, एक संवाददाता। सरकारी विद्यालयो में छात्र-छात्राओं के खेलने-कूदने के लिए लगाए गए उपकरण रखरखाव व उपयोग के बिना बेकार साबित हो रहे है। यह स्थिति किसी एक विद्यालय की नहीं, बल्कि प्रखंड के लगभग सभी विद्यालयो की है। ज्ञात हो कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए बच्चो के खेलने हेतु लोहे की झूला, चरखी समेत अन्य उपकरण लगाए गए थे। जो लापरवाही के कारण जंग खाकर टूट गए हैं। बच्चो के खेलने के इन उपकरणों के प्रति विद्यालय के शिक्षक व विभाग पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं। बच्चों ने बताया कि विद्यालयो में नियमित खेल कूद नही होता है। जिसके चलते खेल उपकरण विद्यालय परिसर में कबाड़ की हालत में पड़े हैं। अधिकतर विद्यालयों में तो छात्र खेलकूद के उपकरणों से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। इस संदर्भ में अधिकारियों से बात करने पर कोई वाजिब जवाब नहीं मिलता। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि छात्रों के खेलने के लिए विद्यालयो में लगाए गए उपकरणों को लगाने के लिए एक बार राशि आने के बाद दुबारा नहीं आने से मरम्मत नही कराया जा सका। जिससे बच्चों के खेल सामग्री कबाड़ बन गए। चाहे मामला जो भी हो, लेकिन विभागीय उदासीनता से बच्चों के शारीरिक तंदुरुस्ती पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है।
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