Hindi Newsबिहार न्यूज़बक्सरMost Anganwadi centers operating in rented buildings

किराए के भवनों में सबसे अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का हो रहा संचालन

से अधिक किराया का भवन मानक के अनुरूप नहीं है। ऐसे केंद्रों में बच्चे किसी तरह समय काटते है। उन्हें खेलने कूदने और कुछ अलग करने की व्यवस्था नहीं है। आधे सरकारी भवनों में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरFri, 29 Jan 2021 11:30 AM
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डुमरांव। निज प्रतिनिधि

सरकारी भवन उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रखंड के पंचायतों में अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किराये के भवनों में हो रहा है। आधा से अधिक किराया का भवन मानक के अनुरूप नहीं है। ऐसे केंद्रों में बच्चे किसी तरह समय काटते है। उन्हें खेलने कूदने और कुछ अलग करने की व्यवस्था नहीं है। आधे सरकारी भवनों में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है।

221 केंद्रों का हो रहा संचालन

डुमरांव प्रखंंड में कुल सोलह पंचायत है। इन पंचायतों में कुल 221 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है।संचालित आंगनबाड़ी में महज 42 केंद्रों के पास अपना भवन है। इसके अलावा कुल 179 केंद्र किराये के भवनों में संचालित हो रहा है।विभागीय आकडों के मुताबिक 42 भवनों वाले 18 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वहीं 24 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है।रेलवे लाइन से उत्तर भाग में पानी में आर्सेनिक की मात्रा अधिक होने की बात जांच में सामने आयी है। प्रखंड के नुआंव, नया भोजपुर ,छतनवार और पुराना भोजपुर पंचायत है।इन केंद्रों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। गांव के लोग बताते हैं कि कुछ दिन पहले फिल्टर मिला था। लेकिन फिल्टर का पानी बच्चों को नसीब नहीं हो सका।

मानक के अनुरूप नहीं है कमरेः

किराये पर चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की बात करे,तो शहर और ग्रामीण क्षेत्र में कुछ ऐसे केंद्र है, जहां मानक के अनुरूप सुविधा उपलब्ध नहीं है। बच्चों को केंद्रों में अपनी इच्छा के अनुसार कुछ करने की जगह उपलब्ध नहीं है।वहीं नया भोजपुर के.केंद्र संख्या 25,2844,48,49 और 77 सहित चौबीस के बच्चों को पेयजल तक की सुविधा नहीं है।प्रखंंड को कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल केंद्र के रुप में डेवलप किया गया है। लेकिन अधिकांश केंद्र आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज है।पंचायतों में आधा दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र अधूरे हाल में पडे हुए है। बीडीओ संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अधूरे पडे केंद्रों की जांच कर पंचायत सचिवों से प्रतिवेदन मांगा गया है।

कोट

शौचालयविहीन केंद्रों को राशि उपलब्ध करायी गयी है।साथ ही शौचालय निर्माण कराने का आदेश दिया गया है। केंद्रों पर बच्चों को अच्छा माहौल और सुविधा मिले। इस दिशा में प्रयास चल रहा है।

गीता पांडेय,सीडीपीओ, डुमरांव।

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