काम की तलाश में भटक रहे मनरेगा मजदूर
डुमरांव में 4 हजार मजदूर जॉब कार्डधारी हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। 9 हजार सक्रिय मजदूरों में से अधिकांश काम की तलाश में हैं। पंचायत रोजगार सेवकों द्वारा काम के लिए बुलाने के बावजूद, कई...

समस्या 4 हजार मजदूर हैं जॉब कार्डधारी, 9 हजार एक्टिव 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराने का है प्रावधान डुमरांव, निज संवाददाता। प्रखंड के पंचायतों में मनरेगा जॉब कार्डधारी मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने से वे पलायन करने पर मजबूर हैं। मनरेगा कार्यालय से जुड़े हर पंचायत में मजदूरों को काम मुहैया कराने के लिए पंचायत रोजगार सेवक को रखा गया है। प्रखंड में कुल 14 हजार जॉब कार्डधारी मनरेगा मजदूर हैं, जिसमें 9 हजार एक्टिव हैं। अधिकांश काम की तलाश में भटक रहे हैं। नियम है कि जिस मजदूर को काम नहीं मिल पाया है, उसे सरकार की ओर से 10 हजार रुपया दिया जाता है।
ताकि, वे परिवार का पालन कर सके। कई पंचायतों में हाल यह है कि काम भी नहीं मिला और राशि भी नहीं मिली। प्रखंड के अटांव पंचायत के जॉब कार्डधारी मजदूर बिशोका चंद्र, वकील राम, दारोगा राम, ममता देवी, आरती देवी, सुगन राम, मोती राम ने बताया कि हमलोगों को पंचायत रोजगार सेवक द्वारा 10 दिनों के लिए काम पर बुलाया गया। लेकिन, आठ दिन ही काम कराया गया। तब से आज तक काम नहीं मिला। ऐसे मजदूर हैं, जिन्हें काम नहीं मिलने पर दस हजार रूपया देना होता है, उसे पाने के लिए सभी भटक रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि हमलोग काम मांगने के लिए जाते हैं तो काम नहीं है कहकर भगा दिया जाता है। मनरेगा के पीओ सुनील कुमार ने बताया की जो भी काम मंगाने आता है, उसे दिया जाता है। उनसे जब पूछा गया कि कितने मजदूर हैं, जिन्हें सालों भर काम नहीं मिला। उसके एवज में उन्हें दस हजार की सहायता राशि दी गई तो उन्होंने इस बात को टाल दिया।
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