चरित्र प्रमाणपत्र बनाने की संख्या में वृद्धि, समय से हो रहा निष्पादन
डुमरांव में चरित्र प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर महीने 300 आवेदन थानों में पहुंचते हैं, जो सेना और पुलिस की बहाली के दौरान दोगुना हो जाते हैं। पासपोर्ट के लिए...
काफी दबाव नामांकन, नौकरी, पासपोर्ट के साथ अन्य कार्यो में चरित्र प्रमाणपत्र की मांग एसपी कार्यालय से थोक भाव में थानों में जांच के लिए पहुंच रहा है आवेदन फोटो संख्या-07, कैप्सन- डुमरांव थाना में आचरण प्रमाण पत्र का ऑनलाइन निष्पादन करती महिला आरक्षी। डुमरांव, हमारे प्रतिनिधि। चरित्र प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने वालों की संख्या लागातार इजाफा हो रहा है। अभी डुमरांव थाना प्रतिमाह 300 के आसपास जांच के लिए आवेदन पहुंच रहा है। लेकिन सेना और पुलिस की बहाली के समय आवेदन की संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाती है। उस वक्त आवेदनों के निष्पादन में पुलिस पदाधिकारियों को काफी दबाव के दौर से गुजरना पड़ता है। पासपोर्ट के लिए अलग से ऑनलाइन व्यवस्था होने के कारण आवेदकों की मुश्किलें कम हो गई है। सेना और बिहार पुलिस सहित निजी कंपनियों के नियोजन में युवाओं को चरित्र प्रमाणपत्र देना जरूरी होता है। उस वक्त प्रमाणपत्र बनवाने वालों की संख्या हजारों में पहुंच जाती है। खासकर सेना की बहाली के समय चरित्रप्रमाण पत्र के लिए थानों पर अधिक दबाव बढ़ जाता है। ठेकेदारी में भी चरित्र प्रमाणपत्र देना आवश्यक है। नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवाओं की संख्या पचास प्रतिशत के आसपास होती है। ठेकेदारी के लिए चरित्र प्रमाणपत्र बनाने वालों की संख्या बीस प्रतिशत के आसपास होती है। उसमें महिलाओं की संख्या पांच प्रतिशत होती है। यदि अनुमंडल के थानों का आकलन करें, तो हर दिन पंद्रह से बीस के आसपास चरित्र प्रमाणपत्र का आवेदन थानों में पहुंच रहा है। एसपी ऑफिस से थानों को भेजा जाता है आवेदन चरित्र प्रमाणपत्र के लिए आवेदन बक्सर स्थित एसपी कार्यालय के कांउटर पर जमा होता है। वहां से आवेदनों को छांट संबंधित थाने को जांच के लिए भेजा जाता है। थानाध्यक्ष आवेदनों को अपने संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को देते है। पुलिस पदाधिकारी आवेदकों के चरित्र का सत्यापन कर मंतव्य के साथ अपना रिपोर्ट सौंपते है। फिर आवेदन एसपी ऑफिस को भेजी जाती है। जहां से संबंधित आवेदकों को चरित्र प्रमाणपत्र जारी होता है। डुमरांव थानाध्यक्ष शंभू भगत ने बताया कि प्रति दिन पंद्रह से बीस आवेदन जांच के लिए आती है। सभी आवेदकों का समय से निष्पादन किया जा रहा है। पुलिस पदाधिकारियों का कहना है कि सेना की बहाली के समय भीड़ अधिक हो जाती है।
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