बुझे मन से घर लौट रहे डांसर,लॉकडाउन का सता रहा डर
डुमरांव। निज प्रतिनिधि काम करने के लिए दूसरे प्रदेशों से डांसर यहां पहुंचते है। अधिक बंगाल,मध्य प्रदेश और दिल्ली से आते है।इनमे महिला,पुरुष और किन्नर डांसर रहते है।डांसर पूरे मौसम में जी तोड मेहनत...
डुमरांव। निज प्रतिनिधि
शादी विवाह के मौसम में कमाने आये डांसर लॉकडाउन के डर से वापस अपने घर लौटने लगे है।बुधवार को डुमरांव से आधा दर्जन डांसर श्रमजीवी एक्सप्रेस से दिल्ली को रवाना हुए।इस बार के लगन में कमाई नहीं होने से डांसरों का चेहरा बुझा-बुझा सा था। डांसरों ने कहा इसबार तो घर का आटा गिला कर लौट रहे हैं।
हर साल बाहर से आते है डांसर
डुमरांव अनुमंडल के इलाके में चार दर्जन से अधिक बैंड पार्टी और नाच मंडली है।शादी विवाह के मौसम में नाच मंडली और बैंड पार्टी में काम करने के लिए दूसरे प्रदेशों से डांसर यहां पहुंचते है। अधिक बंगाल,मध्य प्रदेश और दिल्ली से आते है।इनमे महिला,पुरुष और किन्नर डांसर रहते है।डांसर पूरे मौसम में जी तोड मेहनत करते है। फिर लगन समाप्त होते अपने घरों को लौट जाते है।समृद्ध इलाका होने के कारण डांसरों को मजदूरी के साथ अच्छी कमाई हो जाती है। यही कारण अधिकांश डांसर यहां आने के लिए ललायित रहते है।
उदास चेहरा लिए लौट रहे गांव
बढ़ते कोरोना संक्रमण और शादी में लोगों की उपस्थिति लिमिट होने के बाद बैंड - बाजा और नाच पार्टी की पूछ कम हो गयी है। प्रशासनिक बंदिश के कारण कुछ लोगों ने शादियों की तारीखें बढ़ा दी हैं। जबकि, अधिकांश लोगों इसी बंदिश के बीच शादी की रस्म पूरा कर लेना चाहते हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ राज्य लॉकडाउन की ओर बढ़ने लगा है। लॉकडाउन के भय से डांसर अपने घरों को लौटने लगे है।दिल्ली की जारा बेगम और निशी किन्नर श्रमजीवी एक्सप्रेस से घर को रवाना हो गये। वहीं किन्नर रानू और शबनम कोलकाता के लिए निकल गयी। जारा के चेहरे पर कमाई नहीं होने का दुख झलक रहा था। जारा ने कहा कि एक सप्ताह पहले डुमरांव आये थे। लॉकडाउन के भय से वापस घर लौट रहे है। जीवन रहा तो अगले साल जरूर आएगे।वहीं शबनम ने कहा कि कमाई होगी,तभी न यहां रुक पाएगें। कोरोना के कारण काम कम हो गया है।यहां रहने से घर निकल जाना ही बेहतर है।
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