ब्रह्मपुर फाल्गुनी पशु मेला को स्कूल की जमीन से खाली कराने की चुनौती
डुमरांव सब जज न्यायालय ने स्कूल की जमीन पर मेला लगाने पर रोक लगा दी है। नगर पंचायत ने दुकानदारों को नोटिस देकर जमीन खाली करने को कहा है, लेकिन अधिकांश लोग पुराने स्थान पर ही टेंट और दुकानें लगा रहे...

पेज तीन के लिए ------------ असंमजस डुमरांव सब जज न्यायालय ने स्कूल की जमीन पर मेला लगाने से लगाई है रोक नगर पंचायत द्वारा दुकानदारों को स्कूल की जमीन खाली करने को नोटिस दिया फोटो संख्या-10, कैप्सन- शुक्रवार को ब्रह्मपुर फाल्गुनी पशु मेला में लगी रस्सी की दुकानें। ब्रह्मपुर, निज संवाददाता। बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी ब्रह्मपुर धाम में फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि के अवसर पर लगने वाले पशु मेला के लिए बाहर से मेला क्षेत्र में दुकानदार तथा व्यापारियों का आने का क्रम शुक्रवार को भी जारी रहा। अधिकांश लोग पुराने मेले वाले स्थान पर ही आकर टेंट, दुकान वगैरह लगा रहे हैं। इससे मेला क्षेत्र में गहमागहमी बढ़ने लगी है। इस सब के बीच कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए हाईस्कूल की जमीन खाली करना प्रशासन के लिए चुनौती बनते जा रहा है। इसके लिए घोड़ा के व्यापारी व दुकानदारों को नोटिस तो दिया जा रहा है, लेकिन उसका कोई विशेष असर दिख नहीं रहा है,जब तक प्रशासन के द्वारा बलपूर्वक नहीं हटाया जाता। इस साल हाई स्कूल की जमीन पर मेला लगाने पर डुमरांव सब न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गई है। बावजूद मेला क्षेत्र के पुराने स्थान पर ही अधिकांश दुकानें व घोड़ा के व्यापारी और शौकीन लोगों द्वारा टेंट सामियाना वगैरह लगाया गया है। हाई स्कूल के मैदान में तो कई घोड़ा के शौकीन लोगों द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से हजारों रुपए खर्च कर बड़े-बड़े पंडाल घोड़ा रखने के लिए लगाये गए हैं। डुमरांव सिविल कोर्ट द्वारा स्कूल की जमीन पर मेला लगाने से रोक लगा दिया गया है। इसकी सूचना कई स्तरों से घोड़ा व्यवसायी और उसके शौकीन लोगों के अलावा दुकानदारों के बीच पहुंच भी चुकी है। इसे देखते उनमें संशय की स्थिति बन गई है लेकिन अभी सभी वेट फॉर वॉच की नीति पर चल रहे हैं परन्तु 24 फरवरी के बाद भी आदेश जारी रहा तो पशुमेला स्कूल के जमीन से हटाना प्रशासन के लिए असंभव होगा। इसी चलते हर साल मेला में पहुंचने वाले घोड़ा रखने के शौकीन लोगों द्वारा टेंट वगैरह तो लगवा दिया गया है, लेकिन उसमें उनके घोड़े अभी नहीं पहुंच सके हैं। वही वैकल्पिक तौर पर स्कूल की भूमि से अलग हटकर नई जगह पर मेला लगाने की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए लगभग 10 कट्ठा में लगी गेहूं की फसल की कटाई कराई गई है जोकि पशुमेला के लिए ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात होगी और यह भी स्कूल जमीन से 20 मीटर के अंदर ही है। लेकिन इन सब के बीच स्कूल की जमीन को खाली करने के लिए दिये जा रहे नोटिस के बीच पुराने क्षेत्र में ही टेंट समियाना लगाने का कार्य भी शुक्रवार को देर शाम तक चलता रहा। इसे देखते हुए अभी भी मेला के स्थल को लेकर आमलोग, व्यापारी व दुकानदारों में असमंजस की स्थिति ही बनी हुई है। जमीन खाली नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी न्यायालय के आदेश का पालन कराने के लिए प्रशासन की ओर से अब जाकर कारवाई प्रारंभ हुई है। इसके तहत नगर पंचायत की ओर से आम सूचना का पत्र घोड़ा के व्यापारी तथा दुकानदारों के बीच वितरित किया जा रहा है। इसमें कहा है कि व्यवहार न्यायालय डुमरांव द्वारा पारित आदेश के आलोक में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ हाई स्कूल कैंपस में मेला प्रतिबंधित है। अतः प्रतिबंधित क्षेत्र से सभी दुकानदार व पशु मालिक अपने सामान व पशुओं को यथाशीघ्र हटा ले अन्यथा उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। ईओ अनिरुद्ध कुमार व हाई स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक रविकांत कुमार शुक्रवार को पूरे मेला क्षेत्र का भ्रमण कर व्यापारी व दुकानदारों से स्कूल की जमीन खाली करने को भी कहा। ईओ तथा प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि कोर्ट के आदेश का हर हाल में पालन कराया जाएगा। इसके लिए आम सूचना के साथ लाउडस्पीकर से भी प्रचार कराया जा रहा है। इसके बाद भी अगर स्कूल की जमीन से टेंट, समियाना तथा दुकाने नहीं हटाई जाती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। धर्म संकट में पड़े व्यापारी के साथ दुकानदार आपसी वर्चस्व तथा अहम की लड़ाई में इस प्राचीन फाल्गुनी पशु मेले का अस्तित्व समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। प्राय: हरेक साल मेला लगाने को लेकर नया-नया विवाद पैदा होते रहता है, जिसका खामियाजा मेले में दूर-दराज से पहुंचे व्यापारी व दुकानदारों को उठाना पड़ता है। इस साल कोर्ट द्वारा हाई स्कूल की भूमि पर मेला लगाने से रोक लगा दी गई है। लेकिन इस आदेश से अनजान अधिकांश व्यापारी व दुकानदारों ने अपना टेंट तथा दुकाने पुराने मेला क्षेत्र यानी स्कूल की जमीन पर ही लगा दी है। अब उन्हें खाली करने के लिए नगर पंचायत की ओर से नोटिस थमाया जा रहा है। इससे घोड़ा के व्यापारी उसके शौकीन लोग तथा दुकानदारों में धर्म संकट की स्थिति पैदा हो गई है। टेंट वैगरह लगाने में हजारों रुपया खर्च हुआ है। इसके बाद उन्हें हटने को कहा जा रहा है। मेला में पहुंचे व्यापारी तथा दुकानदारों ने बताया कि वह भी कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए तैयार हैं। लेकिन उन्हें अभी तक कोई वैकल्पिक जगह नहीं मिल सकी है जिस पर वह अपना दुकान तथा टेंट वगैरह लगा सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।