कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं: सुदीक्षा कृष्णा
डुमरांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन, कथावाचिका दीदी सुदीक्षा कृष्णा जी ने भगवान कृष्ण के जन्म एवं लीलाओं की कथा सुनाई। श्रद्धालुओं ने भगवान श्री कृष्ण के जयकारों के साथ कथा का...
प्रवचन श्रीकृष्ण के जन्म होते ही गीतों से गुंजयमान हो उठा इलाका श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं से भरा रहा स्थल डुमरांव, संवाद सूत्र। स्थानीय शहर के बड़ी संगत उदासीन मठ में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथावाचिका दीदी सुदीक्षा कृष्णा जी ने भगवान कृष्ण के जन्म एवं लीलाओं की कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। इस दौरान पूरा कथा परिसर भगवान श्री कृष्ण के जयकारों व नंद के आनन्द भयो, जय कन्हैयालाल की जय से गूंजायमान हो उठा। कथा के दौरान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। कहा जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी तो प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। कथावाचिका ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा। प्रश्न यह है कि परमात्मा संसार में घुले-मिले हैं तो संसार का नाश होने पर भी परमात्मा का नाश क्यों नहीं होता। इसका उत्तर यही है कि भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। आकाश में बादल रहता है। और बादल के अंदर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है। इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष विकास ठाकुर, बब्लू जायसवाल, अरविंद श्रीवास्तव, विनोद केशरी, कन्हैया तिवारी, सचिन कुमार, मुन्ना जी, बिहारी यादव, मनीष मिश्रा, राजेश यादव, मनीष यादव, अमित मिश्रा, देवेंद्र सिंह, राजेंद्र केशरी, डब्लू मिश्रा, सोनू ठाकुर, सुड्डू प्रसाद, मो. एकराम, रामजी प्रसाद व सुनील मिश्रा थे।
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