जिले के खेल मैदान के कार्यो की गुणवत्ता की जांच के लिए टीम गठित
बक्सर जिले में मनरेगा की देखरेख में 112 खेल मैदानों का निर्माण तेजी से चल रहा है। डीएम अंशुल अग्रवाल ने जांच के लिए एक टीम गठित की है। सभी योजनाओं के कार्यस्थल पर निरीक्षण पंजी रखी जाएगी। इन खेल...
112 मैदान मनरेगा की देखरेख में चार लाख रुपए की लगात से तैयार हो रहे है खेल मैदान जांच के लिए डीएम अंशुल अग्रवाल ने डीडीसी की अध्यक्षता में गठित की टीम बक्सर, हमारे संवाददाता। जिले में चिन्हित स्थलों पर मनरेगा की देखरेख में 112 खेल मैदानों को निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो। इसके लिए डीएम अंशुल अग्रवाल ने एक टीम का गठित की है। इसमें अध्यक्ष डीडीसी डॉ. महेंद्र पाल, डीआरडीए निदेशक अरविंद कुमार, जिला खेल पदाधिकारी अमित कुमार, डीपीएम मनरेगा संदीप मौर्य, मनरेगा के कार्यपालक अभियंता व दोनों अनुमंडल के मनरेगा सहायक अभियंता को रखा गया है। डीएम ने जारी निर्देश में कहा है कि खेल मैदान के निर्माण के सभी योजनाओं के कार्यस्थल पर अनिवार्य रूप से निरीक्षण पंजी रखी जाएगी। संबंधित योजनाओं का निरीक्षण करने के उपरांत पदाधिकारी पंजी में समस्त जानकारी लिखेंगे। योजनाओं को तकनीकी व प्रशासनिक स्वीकृति देने वाले पदाधिकारी कम से तीन बार कार्य स्थल का निरीक्षण करेंगे। साथ ही जिला स्तर के पदाधिकारी भी हर कार्यस्थल का निरीक्षण करेंगे। साथ ही निरीक्षण पंजी में जांच रिपोर्ट से संबंधित बातें लिखेंगे। जिसका समय-समय पर समीक्षा किया जाएगा। डीएम ने जारी निर्देश में कहा है कि वॉलीबॉल व बैंडमिंटन कोर्ट की ढलाई से पूर्व मनरेगा के कार्यपालक और सहायक अभियंता कार्यस्थल का निरीक्षण करेंगे। कार्य से पूर्व एवं बाद की एचडी फोटाग्राफ संचिका में रखेंगे। खेल मैदान में उपयोग होने वाली सामग्री गुणवत्तापूर्ण व मानक के अनुरूप होनी चाहिए। यदि इसमें किसी तरह की गड़बड़ी होती है। तब संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 11 प्रखंड़ों में बन रहा है खेल मैदान ग्रामीण विकास अंतर्गत मनरेगा योजना से जिले के 11 प्रखंड़ों में 112 खेल मैदान बनाया जा रहा है। इसमें तीन कोटी के खेल मैदान बनाए जा रहे है। चार एकड़ जमीन पर बनने वाले खेल मैदानों की संख्या सात है। वहीं दूसरी कोटी के खेल मैदान के लिए एक से डेढ़ एकड़ जमीन की आवश्यकता है। इसके लिए 56 स्थानों पर जमीन उपलब्ध हुई है। जबकि तीसरी कोटी के खेल मैदान के लिए एक एकड़ से कम जमीन की जरूरत है। इसके लिए 49 स्थानों पर जमीन उपलब्ध हो गई है। इन खेल मैदान बनाने की पीछे मंशा है कि ग्रामीण स्तर पर खिलाड़ियों की प्रतिभा को निकाला जाए। साथ ही अक्सर इस बात की सूचना मिलती थी कि सड़क किनारे सेना, पुलिस की तैयारी करने वाले युवा अक्सर किसी ने किसी वाहन से जख्मी हो जाते थे। इस बात को भी ध्यान में रखकर इसे विकसित की जा रही है।
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