हाजीपुर में धंस गया पुल, बांका में 2 साल पहले बना ब्रिज खस्ताहाल; बिहार में जारी है पुलों की बदहाली
बिहार में पुलों की बदहाली जारी है। हाजीपुर में ओवरब्रिज बीच में धंस गया। और सरिया तक दिखाई दे रही हैं। जिसके चलते पुल पर आवागमन बंद कर दिया गया है। वहीं बांका में 2 साल पहले बना पुल जर्जर हो गया है। जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बिहार में पुलों की बदहाली जारी है। दो साल पहले बने पुल भी जर्जर स्थिति में पहुंच गए है। पहला मामला हाजीपुर जिले का है। जहां रामाशीष चौक के पास नवनिर्मित एनएच 31 ओवरब्रिज जो छपरा जाने का मुख्य मार्ग है। वो पुल अचानक सोमवार को बीच में धंस गया। पुल में लगी सरिया और रॉड दिखने लगी। पुल में इतना बड़ा होल हो गया कि आर-पार देखा जा सकता है। जिसके बाद से पुल निर्माण में लगाई सामग्री की क्वालिटी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ये पुल कुछ साल पहले ही बना है, और नवनिर्मित है। पुल के बीच में धंस जाने से आवागमन बंद कर दिया गया है। जिसके चलते पुराने पुल से ट्रैफिक चल रहा है।
वहीं बांका जिले के असरगंज मुख्य पथ पर दो साल पहले बना बदुआ नदी पर नवनिर्मित पुल की हालत भी जर्जर है। दो दिनों से हो रही रिमझिम बारिश में पुल पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। करीब 200 मीटर तक पूरब दिशा से पश्चिम तक जलमग्न रहने से बाइक सवार युवक पुल पर गढ्ढे में फंसकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
बदुआ नदी पर बना पुल बांका, भागलपुर और मुंगेर तीन जिलों को आपस में सीधे जोड़ने का काम करता है। इसके अलावा झारखंड जाने का यह सुगम पथ है। पुल पर चौबीस घंटे तक आवागमन जारी रहता है। इसके बावजूद किसी अधिकारी द्वारा संज्ञान नहीं लेने अथवा जर्जर पुल को दुरुस्त नहीं करने सहित गुणवत्ता की जांच नहीं करने से ग्रामीणों के अलावा राहगीरों में नाराजगी बढ़ते जा रही है।
पुल पर कंक्रीट झड़ने के साथ-साथ जगह - जगह पर गढ्ढे एवं लोहे की छड़ें मुंह बाए खड़ी है। जिससे राहगीरों की परेशानी अधिक बढ़ गई है। संवेदक द्वारा पुल निर्माण कार्य की गुणवत्ता की पोल खुल गई है। नवनिर्मित पुल जलमग्न रहने से पैदल चलने वाले स्थानीय लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बदुआ नदी पर पुल बने मुश्किल से दो वर्ष पूरा नहीं हुआ कि स्थिति बद से बदतर होने लगी है। जिससे पुल के समीप अक्सर सड़क दुर्घटनाएं हो रही है।
स्थानीय स्थानीय लोगों ने बताया कि करोड़ों की लागत से इस पुल का निर्माण हुआ। लेकिन निर्माण कार्य के संवेदक द्वारा घटिया निर्माण किया गया। जबकि इसके समानांतर करीब 40 वर्ष पूर्व बने पुल की हालत नए पुल की तुलना में बेहतर है।