युवाओं में हर्ट अटैक आने पर मौत की आशंका बुजुर्गों से अधिक
युवाओं में हर्ट अटैक आने पर मौत की आशंका बुजुर्गों से अधिकयुवाओं में हर्ट अटैक आने पर मौत की आशंका बुजुर्गों से अधिकयुवाओं में हर्ट अटैक आने पर मौत की आशंका बुजुर्गों से अधिकयुवाओं में हर्ट अटैक आने...
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युवाओं में हर्ट अटैक आने पर मौत की आशंका बुजुर्गों से अधिक नालंदा में पटना के चिकित्सकों ने आरएमपी को दी जानकारी कहा रक्तचाप व मधुमेह को शुरू से रखें नियंत्रित 40 साल के बाद साल में एक बार अवश्य कराएं जांच फोटो : हर्ट अटैक : नालंदा में हर्ट अटैक के बारे में बताते डॉ. इंद्रजीत कुमार व अन्य। नालंदा, निज संवाददाता। शहर में ग्रामीण चिकित्सकों को और कुशल बनाने व आधुनिक इलाज की जानकारी देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला हुई। इसमें पटना से आए दक्ष चिकित्सक डॉ. इंद्रजीत कुमार ने कहा कि युवाओं में हर्ट अटैक आने पर मौत की आशंका बुजुर्गों से अधिक होती है। उन्होंने कहा रक्तचाप व मधुमेह को शुरू से नियंत्रित रखें। 40 साल के बाद हर युवा को साल में एक बार रक्तचाप और मधुमेह की अवश्य जांच करानी चाहिए। इससे वे अपनी सेहत पर नजर रख सकेंगे। उन्होंने कहा आज के दौर में रहन सहन में आये बदलाव के कारण ह्रदय और मधुमेह की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। खासकर जिनके परिवार में इस तरह के रोगी पहले रहे हों, उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। अधिकतर लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होते हैं। इससे आगे उन्हें परेशानी हो सकती है। लोग नियमित डायट करें, दवा से ज्यादा लाभ इससे होगा। छाती में दर्द होने पर ईसीजी जांच अवश्य करवानी चाहिए। अभी 35 से 50 वर्ष आयु वाले लोगों का हार्ट अटैक आने पर बचने की संभावना काफी कम रहती है। जबकि इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों में मौत की आशंका काफी कम रहती है। मौके पर जेनरल प्रैक्टिशनर डॉ. शैलेन्द्र कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार, रंजीत कुमार, विजय कृष्णा, सुधीर पंडित, जोगेंद्र प्रसाद, सर्वेश कुमार, अजय कुमार व अन्य ग्रामीण चिकित्सक मौजूद थे।
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