जिले के 6 फीसदी लोग मधुमेह, तो 3 प्रतिशत में रक्तचात व मधुमेह से पीड़ित
जिले के 6 फीसदी लोग मधुमेह, तो 3 प्रतिशत में रक्तचात व मधुमेह से पीड़ितजिले के 6 फीसदी लोग मधुमेह, तो 3 प्रतिशत में रक्तचात व मधुमेह से पीड़ितजिले के 6 फीसदी लोग मधुमेह, तो 3 प्रतिशत में रक्तचात व...
विश्व मधुमेह दिवस : जिले के 6 फीसदी लोग मधुमेह, तो 3 प्रतिशत में रक्तचात व मधुमेह से पीड़ित सदर अस्पताल में शिविर लगा लोगों की हुई जांच अक्टूबर में 41 हजार की हुई थी जांच, 2442 में मधुमेह तो 1143 में दोनों बीमारी डॉक्टरों ने कहा-खानपान व दिनचर्या के माध्यम से इसे रख सकते हैं नियंत्रित 40 के बाद नियमित अंतराल पर कराते रहें जांच, सभी अस्पतालों में है मुफ्त व्यवस्था दुनिया के मधुमेह रोगियों में एक-चौथाई भारत के फोटो : सदर डायबिटिज : सदर अस्पताल में विश्व मधुमेह दिवस पर गुरुवार को शिविर में लोगों की जांच करती टीम। बिहारशरीफ, एक संवाददाता। सदर अस्पताल समेत अन्य जगहों पर रोजाना सैकड़ों लोगों की मधुमेह व रक्तचाप की जांच की जा रही है। इसमें छह फीसदी लोगों में मधुमेह की बीमारी तो तीन फीसदी लोगों में मधुमेह के साथ ही रक्तचाप की भी बीमारी है। विश्व मधुमेह दिवस पर सदर अस्पताल में गुरुवार को शिविर लगा दर्जनों लोगों की जांच की गयी। गैर संचारी रोग नियंत्री पदाधिकारी डॉ. राम मोहन सहाय ने बताया कि अक्टूबर माह में 40 हजार 900 लोगों की जांच की गयी। इसमें दो हजार 442 लोगों में मधुमेह तो एक हजार 143 लोगों में दोनों तरह की बीमारी मिली। इस शिविर में लोगों को जागरूक किया गया। डॉक्टरों ने कहा खानपान व दिनचर्या के माध्यम से हम से आसानी से नियंत्रित रख सकते हैं। 40 साल की उम्र के बाद लोगों को नियमित अंतराल पर इसकी जांच कराते रहना चाहिए। सभी अस्पतालों में इसकी जांच की मुफ्त व्यवस्था है। सीएस डॉ. कुमकुम प्रसाद ने कहा कि इस वर्ष ‘बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना थीम पर इसका आयोजन किया गया है। यह दिन मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी के बारे में लोगों को जानकारी देने के उद्येश्य से मनाया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस की शुरुआत 1991 में की गयी थी। इंसुलिन की खोज करने वाले प्रो. पॉल डब्ल्यू ग्रांट के जन्मदिन के मौके पर इसे मनाया जाता है। इसके कुछ आंकड़े बहुत ही चौंकाने वाले हैं। दुनिया के कुल मधुमेह रोगियों का एक चौथाई हिस्सा भारत में है। हमें सावधान रहना चाहिए। आरामतलबी होती जिंदगी बना रही बीमार : डॉ. सहाय ने कहा कि आरामतलबी होती जिंदगी लोगों को बीमार बना रही है। अब थोड़ी सी दूर जाने के लिए भी लोग बाइक व अन्य सवारी का उपयोग करते हैं। कई बच्चे तो खेल तक नहीं खेलते हैं। जबकि, लंच में उन्हें तैलीय व जंक फूड दिया जाता है। यही सब मधुमेह जैसी बीमारी को आमंत्रण दे रहे हैं। मौके पर काउंसलर गीता कुमारी, ममता कुमारी, आशीष कुमार व अन्य मौजूद थे। आंकड़ों की नजर में मधुमेह व रक्तचाप : अक्टूबर माह में जांच हुई : 40900 मधुमेह के रोगी मिले : 2442 मधुमेह की महिला रोगी : 1405 मधुमेह के पुरुष रोगी : 1037 रक्तचाप के रोगी मिले : 2297 रक्तचाप की महिला रोगी : 1293 रक्तचाप के पुरुष रोगी : 1004 मधुमेह व रक्तचाप के रोगी : 1143 महिला रोगी : 674 पुरुष रोगी : 469 अप्रैल से अक्टूबर तक हुई जांच : 289128 मधुमेह के रोगी मिले : 17062 मधुमेह की महिला रोगी : 8643 मधुमेह के पुरुष रोगी : 8419 रक्तचाप के रोगी मिले : 17996 रक्तचाप की महिला रोगी : 8949 रक्तचाप के पुरुष रोगी : 9047 मधुमेह व रक्तचाप के रोगी : 2592 महिला रोगी : 1409 पुरुष रोगी : 1183
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