हर खेत को पानी: 179 गांवों के खेतों का सर्वे होना अब भी बाकी
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हर खेत को पानी: 179 गांवों के खेतों का सर्वे होना अब भी बाकी
प्रखंड स्तर पर बना गया है पांच विभागों का सर्वेक्षण दल
मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर नोडल टीम भी है बनी
कोरोना के कारण सर्वे की प्रक्रिया पड़ी सुस्त
फोटो :
बोरिंग : बोरिंग से खेत की पटवन।
बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि
जिले के हर खेत को पानी पहुंचाने के उद्देश्य से ‘हर खेत को पानी योजना बनायी गयी है। पहले चरण में सिंचित और असिंचित क्षेत्रों का कृषि समन्वयक व कृषि सलाहकारों द्वारा सर्वे कराया गया। अब प्रखंड स्तर पर तकनीकी दल बनाकर पुन: सर्वे कराया जा रहा है। जनवरी में इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन, आधा मई बीतने के बाद भी 179 गांव-टोलों के खेतों का सर्वे होना शेष है।
जिले में 3185 गांव-टोलों का सर्वे करना है। इनमें से 3006 गांवों का सर्वे कर लिया गया है। सात प्रखंडों में सर्वे की प्रक्रिया अब भी अधूरी है। कोरोना की पाबंदियों और लॉकडाउन की वजह से सर्वे की रफ्तार फिलहाल सुस्त पड़ी है। सर्वे के बाद नालंदा के असिंचित क्षेत्रों में पानी पहुंचाने की योजना को अंतिम रूप दिया जाना है। प्रखंड स्तर पर बने तकनीकी सर्वेक्षण दल में जल संसाधान विभाग, लघु जल संसाधान विभाग, कृषि, बिजली और पंचायत राज विभागों को शामिल किया गया है। जबकि, मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर संबंधित विभागों की नोडल टीम भी बनी है।
प्रखंड स्तरीय टीम में विभागों के जेई, बीएओ और प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी शामिल हैं। वहीं, जिलास्तर पर जल संसाधन विभाग के अधीक्षक अभियान को नोडल तो लघु जल संसाधन और बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, डीएओ और जिला पंचायती राज पदाधिकारी को टीम में रखा गया है। तकनीकी सर्वे दल को जिम्मेवारी दी गयी है कि वे चिह्नित असिंचित क्षेत्रों का जायजा लेंगे। वहां के किसानों से मिलकर पानी कैसे सुलभ रूप से पहुंचेगा इसकी रणनीति बनाएंगे।
सर्वे में सबसे पीछे राजगीर:
सर्वे में सबसे पीछे राजगीर प्रखंड है। यहां के 189 गांव-टोलों का सर्वे करना है। 96 गांवों का सर्वे हुआ है। दूसरे पायदान पर चंडी है। 129 गांवों में 27 का सर्वे अबतक नहीं हुआ है। बिहारशरीफ में 27, बेन में 13, अस्थावां में 10, नूरसराय में छह तो सरमेरा में पांच गांवों के खेतों का सर्वे अधूरा है।
सब कुछ ऑनलाइन:
सर्वे का उद्देश्य प्रत्येक खेत तक सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित करना है। सर्वे के माध्यम से सिंचित क्षेत्रों में वर्तमान सिंचाई के स्रोत तथा असिंचित क्षेत्रों में संभावित स्रोत की जानकारी जुटानी है। उसे एप में लोड करना है।
नालंदा में 17.36 फीसदी असिंचित भूमि:
कृषि अभियंत्रण के सहायक निदेशक आनंद कुमार बताते हैं कि पहले चरण में जिले के 16 लाख 89 हजार 401 प्लाटों का सर्वे कृषि समन्वयकों व सलाहकारों द्वारा की गयी थी। इसमें 82.64 फीसदी क्षेत्र सिंचित तो 17.36 फीसदी असिंचित चिह्नित किया गया है। हालांकि, तकनीकी कारणों से 562 प्लॉट का सर्वे नहीं हो पाया था।
कहते हैं अधिकारी
कोरोना की वजह से कुछ प्रखंडों के गांवों में सर्वे की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। गांवों में सर्वे दल का किसानों से भी सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण देरी हो रही है। प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द शेष बचे गांवों का सर्वे करा लिया जाए।
विमल कुमार, एसई सह नोडल पदाधिकारी, जल संसाधन विभाग।
इन प्रखंडों में सर्वे हो चुका :
1. बिंद 2. एकंगरसराय 3. गिरियक 4. हरनौत 5. हिलसा 6. इस्लामपुर 7.करायपरसुराय 8. कतरीसराय 9. नगरनौसा 10. परवलपुर 11. रहुई 12. सिलाव 13. थरथरी
यहां सर्वे होना अब भी बाकी :
1. अस्थावां 2. बेन 3. बिहारशरीफ 4. चंडी 5.नूरसराय 6. राजगीर 7. सरमेरा
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