नल-जल किसानों के लिए बना जी का जंजाल, 15 एकड़ फसल हो रही बर्बाद
नल-जल किसानों के लिए बना जी का जंजाल, 15 एकड़ फसल हो रही बर्बादनल-जल किसानों के लिए बना जी का जंजाल, 15 एकड़ फसल हो रही बर्बादनल-जल किसानों के लिए बना जी का जंजाल, 15 एकड़ फसल हो रही बर्बादनल-जल किसानों...
नल-जल किसानों के लिए बना जी का जंजाल, 15 एकड़ फसल हो रही बर्बाद जल संरक्षण के लिए हर घर नल जल के साथ सोख्ता भी जरूरी गंदा जमा पानी से बीमारी फैलने का भी ग्रामीणों को सता रहा डर फोटो : पावापुरी खेत : पावापुरी से सटे खेतों में जल जमाव से हो रहे बर्बाद फसल। पावापुरी, निज संवाददाता। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जल ग्रामीणों व किसानों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है। गांवों व शहरों में स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए यह योजना शुरू हुई। इस योजना से लाखों लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। लेकिन, पावापुरी के किसानों के लिए यह मुसिबत बन चुका है। गांव से सटे 15 एकड़ से अधिक खेतों में किसान फसल नहीं लगा रहे हैं। एक दो जो हिम्मत कर लगाते हैं, उनके खेतों में फसल नहीं होती है। वे फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। साथ ही खेतों में गंदा पानी जमा रहने से बीमारी फैलने का भी ग्रामीणों का डर सता रहा है। रविरंजन, अजय सिंह, सनुग्रह सिंह, महेंद्र उपाध्याय व अन्य किसानों ने कहा कि हर घर नल योजना में प्रत्येक घर में जब पानी आता है, तो नल को खुला छोड़ देते हैं। नल से यूं ही पानी बर्बाद होता रहता है। इससे इन खेतों में हमेशा पानी भरा रहता है। इन किसानों को किसी तरह का मुआवजा भी नहीं मिलता है। खेतों में लगातार बहते पानी से फसलें गलने लगी हैं। सात निश्चय के तहत सभी योजनाएं बेहद कामयाब हैं। लेकिन, इसका कुशल क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। सभी घरों तक स्वच्छ जल सरकार पहुंचा रही है। यह काबिले तारीफ है। जो सीधे जन सरोकार से जुड़ी है। हमारी आने वाली पीढ़ी भी इससे बेहद लाभान्वित होगी। लेकिन, काफी पानी भी बर्बाद हो रहा है। जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता : स्थानीय लोगों ने नल जल योजना के साथ ही सोख्ता निर्माण को भी जोड़ने की बात कही। यह कदम जल संरक्षण के लिए बेहद अनुकूल होगा। इसका दूरगामी लाभ भी मिलेगा। पावापुरी में ही कई एकड़ जमीन में जल जमाव है। इससे खेत भी खराब हो रहे हैं। साथ ही मच्छरों व कीड़े मकोड़े का भी घर बना हुआ है। इससे बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। हर घर में हो रेनवाटर हार्वेस्टिंग की हो व्यवस्था : ग्रामीणों ने घरों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ने की बात कही। इसके लिए गृह मालिकों को भी जागरूक किया जा सकता है। किसान दीपक कुमार व अन्य ने बताया कि इस पर सरकार यथाशीघ्र ध्यान नहीं देगी, तो दिन पर दिन किसानों की स्थिति और खराब होती चली जाएगी। यही हालात कई अन्य गांवों की भी है। नगर पंचायत बनने से लगा था कि इस समस्या से राहत मिलेगी। लेकिन, दिन पर दिन यह समस्या और बढ़ती ही जा रही है। ग्रामीणों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से किसानों के हितों की रक्षा के लिए इस ओर त्वरित कदम उठाने की अपील की है। ताकि, उनकी फसलें बच सके। तभी उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। मुख्य पार्षद रविशंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि इसका निदान करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर बैठक में चर्चा कर रणनीति बनायी जाएगी।
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