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विजया एकादशी व्रत सोमवार को, भगवान विष्णु की कृपा से मिलेगा विजय और सुख-समृद्धि का वरदान

विजया एकादशी व्रत सोमवार को, भगवान विष्णु की कृपा से मिलेगा विजय और सुख-समृद्धि का वरदानविजया एकादशी व्रत सोमवार को, भगवान विष्णु की कृपा से मिलेगा विजय और सुख-समृद्धि का वरदानविजया एकादशी व्रत सोमवार...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 21 Feb 2025 10:40 PM
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विजया एकादशी व्रत सोमवार को, भगवान विष्णु की कृपा से मिलेगा विजय और सुख-समृद्धि का वरदान

विजया एकादशी व्रत सोमवार को, भगवान विष्णु की कृपा से मिलेगा विजय और सुख-समृद्धि का वरदान त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई के पहले की थी विजया एकादशी पावापुरी, निज संवाददाता। फाल्गुन कृष्ण पक्ष को विजया एकादशी का पावन पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। विजया एकादशी को उसमें से भी सबसे शुभ और फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की आराधना से सभी कष्टों का निवारण होता है और जीवन में विजय, सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। आचार्य पप्पू पांडेय कहते हैं कि विजया एकादशी का व्रत हर प्रकार की बाधाओं और संकटों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है। पद्म पुराण के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने भी लंका पर विजय प्राप्त करने से पहले इसी व्रत का पालन किया था, जिससे उन्हें विजयश्री की प्राप्ति हुई थी। व्रत विधि: पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप जलाकर करें और पुष्प, फल, तुलसी दल, और पंचामृत से पूजा करें। हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु से व्रत सफलतापूर्वक पूर्ण होने की प्रार्थना करें। इस दिन विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तोत्र का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है। व्रती को निराहार या फलाहार रहना चाहिए और अन्न का सेवन वर्जित होता है। रात में भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। विजया एकादशी की कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान श्रीराम जब लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र पार करने का उपाय ढूंढ़ रहे थे। इसी दौरान महर्षि वशिष्ठ के निर्देश पर उन्होंने विजया एकादशी का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से ही उन्हें लंका पर विजय प्राप्त हुई और माता-सीता को रावण के बंदीगृह से मुक्त कराया। व्रत का महत्व: यह व्रत सभी पापों को नष्ट करने वाला और समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है। इसे करने से जीवन में हर कार्य में सफलता और विजयश्री की प्राप्ति होती है। विष्णु भगवान की कृपा से मन, वचन और कर्म से शुद्धि प्राप्त होती है। पंडित पुरेंद्र उपाध्याय कहते हैं कि विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास होता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा बरसती है और जीवन में हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है।

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