मसूर में उकठा रोग से बचाव के बताये गये उपाय
हरनौत के कई गांवों में उकठा रोग के कारण मसूर की फसल सूख रही है। कृषि विज्ञान केन्द्र की डॉ. आरती कुमारी ने बताया कि यह रोग किसी भी अवस्था में हो सकता है। रोग से बचाव के लिए ट्राइकोरमा और कार्बन...
हरनौत, एक संवाददाता। हरनौत प्रखंड के कई गांवों में उकठा रोग से मसूर की फसल सूख रही है। पौधू पूरी तरह से पीले होकर मर रहे हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र की कीट रोग विषेशज्ञ डॉ. आरती कुमारी ने इस रोग से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि इस बीमारी का प्रकोप पौधे की किसी भी अवस्था में हो सकता है। मिट्टी में नमी होना, गर्म और नम वातावरण उकठा रोग के विकास में सहायक होता है। ज्यादा पानी की वजह से यह समस्या और बढ़ जाती है। इस रोग को नियंत्रित करने के लिए ट्राइकोरमा का छिड़काव करें। ट्राइकोरमा तरल अवस्था में हो 10 एमएल या पाउडर के फॉर्म में हो तो पांच से 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करें। इसके अलावा, जिस खेत में उकठा रोग की समस्या होती है तो उस खेत में दो ग्राम कार्बन डेंज़िम(बाविस्टिन)को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। छिड़काव सुबह या शाम के समय करें। खेत में जिस जगह इस तरह के रोग जनित पौधे दिखाई दे तो उनको उखाड़ कर फेंक देना चाहिए, नहीं तो अन्य पौधे रोग की चपेट में आ सकते हैं।
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