आशाकर्मियों को दी गयी हीमोग्लोबिन की जानकारी
आशाकर्मियों को दी गयी हीमोग्लोबिन की जानकारीआशाकर्मियों को दी गयी हीमोग्लोबिन की जानकारीआशाकर्मियों को दी गयी हीमोग्लोबिन की जानकारीआशाकर्मियों को दी गयी हीमोग्लोबिन की जानकारी
आशाकर्मियों को दी गयी हीमोग्लोबिन की जानकारी सदर अस्पताल में डीआईओ ने कार्यशाला में दिया प्रशिक्षण फोटो : डीआईओ ट्रेनिंग : सदर अस्पताल सभागार में सोमवार को आशाकर्मियों को प्रशिक्षण देते जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेंद्र चौधरी व अन्य। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। सदर अस्पताल सभागार में सोमवार को आशाकर्मियों को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेंद्र चौधरी ने हीमोग्लोबिन व टीकाकरण की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं में खून की कमी की शिकायत अधिक रहती है। खासकर किशोरावस्था से ही बेटियों की देखभाल करनी चाहिए। उनके पोषण व शिक्षा का पूरा ख्याल रखना चाहिए। आशाकर्मी की पहुंच हर घर तक होती है। वे अपने क्षेत्र की हर महिला व किशोरी को जानती हैं। खून की कमी का संदेह होने पर उनकी जांच कराएं। हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर उन्हें इलाज के लिए प्रेरित करें। आम तौर पर एक व्यस्क स्वस्थ सामान्य महिला में हीमोग्लोबिन का स्तर 12 से 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए। लेकिन, बहुत ही कम महिलाओं में यह स्तर मिलता है। डीआईओ डॉ. चौधरी ने बताया कि किशोरावस्था से ही इसका ध्यान रखना चाहिए। हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर एनीमिया हो सकता है। एनीमिया में शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती है। इससे थकान, कमजोरी, सांस लने में परेशानी, त्वचा का पीला होना, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथ पैर में ठंडापन जैसी समस्या आ सकती है। ऐसे लक्षण दिखते ही उनकी जांच अवश्य करवाएं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संतोष कुमार, दिनेश कुमार, आशीष कुमार, राधा देवी, मालती कुमारी, रेखा कुमारी व अन्य शामिल थी।
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