साढ़े नौ लाख मास्क की आपूर्ति, भुगतान फूटी कौड़ी भी नहीं
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साढ़े नौ लाख मास्क की आपूर्ति, भुगतान फूटी कौड़ी भी नहीं
जिले की 867 जीविका दीदियां रोज बना रहीं एक लाख मास्क
हुनरमंद हाथों की कारीगरी से मास्क कारोबार को रफ्तार
महिलाओं को मिला कमाई का जरिया, बन रहीं आत्मनिर्भर
फोटो
जीविका : गिरियक में मास्क की क्वालिटी की जांच करते जीविका डीपीएम।
बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि
कोरोना संकट के बीच भले ही अन्य रोजगार प्रभावित हुए हैं। लेकिन, मास्क बाजार को जोरदार रफ्तार मिली है। इस सुनहरे अवसर को नालंदा की महिलाओं ने खूब भुनाया है। जीविका दीदियों द्वारा बनाये गये मास्क की आपूर्ति पंचायतों में हो रही है। करीब दो सौ पंचायतों के मुखियों को साढ़े नौ लाख मास्क दिये गये हैं। 15 रुपए प्रति मास्क के हिसाब से राशि मिलनी है। विडंबना यह कि अबतक फूटी कौड़ी नहीं मिली है। भुगतान की तकनीकी प्रक्रिया में राशि अटकी हुई है। खामियाजा दीदियों को भुगतना पड़ रहा है।
जीविका के डीपीएम उमाशंकर भगत बताते हैं कि जिले के सात प्रखंडों में जीविका दीदियों द्वारा व्यापक पैमाने पर मास्क बनाया जा रहा है। इससे 867 दीदियां जुड़ी हैं। औसतन 90 से एक लाख मास्क रोज तैयार किया जाता है। जबकि, पंचायतों से हर दिन मांग करीब 50 हजार है। अबतक 9 लाख 50 हजार मास्क की आपूर्ति हो चुकी है। जबकि, स्टॉक में तीन लाख के आसपास मास्क हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर 15वीं वित्त योजना से मास्क की राशि का भुगतान होना है। लेकिन, भुगतान की प्रक्रिया अबतक पूरी नहीं हो सकी है। इस वजह से मास्क के बदले राशि भी नहीं मिली है। संबंधित अधिकारियों से लगातार बात की जा रही है।
एक मास्क बनाने पर मिलता है 5 रुपया:
हनुरमंद हाथों की कारीगरी से मास्क कारोबार को रफ्तार मिल गयी है। साथ ही महिलाओं को कमाई का जरिया भी मिला है। प्रति मास्क बनाने में 7 से 8 रुपए का खर्च आता है। मेहनत अलग। इसकी कीमत 15 रुपए रखी गयी है। जीविका दीदी को एक मास्क बनाने पर 5 रुपए मिलता है। खास यह कि दीदियों द्वारा बनाये गये मास्क उच्च क्वालिटी हैं। ब्रांडेड कंपनियों के सूति कपड़े से तैयार मास्क डबल लेयर और ट्रीपल प्लेट का होता है। औसतन 400 से 500 रुपए की कमाई हर दिन एक दीदी कर लेती हैं। लेकिन, मेहनत के बाद भी अबतक राशि का भुगतान नहीं होने से परेशानी जरूर है।
90 हजार दीदियों को लगा कोरोना टीका:
नालंदा जिले में जीविका की 27 हजार समूह हैं। इन समूहों से करीब 3 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। डीपीएम बताते हैं कि अबतक 90 हजार दीदियों को कोरोनारोधी टीका दिलवा दिया गया है। अन्य को भी दिलाया जा रहा है। कोरोना काल में मास्क बनाने का काम कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है। इससे जुड़ीं महिलाओं में काफी उत्साह है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
जीविका से उपलब्ध कराये गये मास्क की राशि पंचायत स्तर से भुगतान होना है। राशि भुगतान करने की तकनीकी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सभी मुखिया और पंचायत सचिवों को दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही राशि का भुगतान भी कर दिया जाएगा।
नवीन कुमार पांडेय, जिला पंचायत राज पदाधिकारी
मुख्य बातें :
01 लाख मास्क हर दिन तैयार हो रहा जिले में
01 दिन में एक महिला सौ से डेढ़ सौ मास्क करती हैं तैयार
10 से 15 मिनट लगता है एक मास्क बनाने में (कपड़ा कटिंग रहने पर)
07 से 8 रुपए आता है एक मास्क की लागत (जीविका में)
यहां जीविका दीदियां बना रहीं मास्क :
1. अस्थावां
2 गिरियक
3. राजगीर
4. नूरसराय
5. एकंगरसराय
6. हिलसा
7. इस्लामपुर
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