Hindi NewsBihar NewsBiharsharif NewsSun Enters Capricorn on January 14 Significance of Makar Sankranti

14 को दिन में 2.58 मिनट में प्रवेश करेंगे मकर राशि में सूर्य

14 को दिन में 2.58 मिनट में प्रवेश करेंगे मकर राशि में सूर्य14 को दिन में 2.58 मिनट में प्रवेश करेंगे मकर राशि में सूर्य14 को दिन में 2.58 मिनट में प्रवेश करेंगे मकर राशि में सूर्य14 को दिन में 2.58...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 8 Jan 2025 09:16 PM
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14 को दिन में 2.58 मिनट में प्रवेश करेंगे मकर राशि में सूर्य इसी के साथ समाप्त हो जाएगा खरमास, शुरू हो जाएंगे शुभ कार्य इसका पुण्यकाल दिन भर रहेगा स्नान दान के लिए यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण पावापुरी, निज संवाददाता। माघ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 14 जनवरी को सूर्य दोपहर दो बजकर 58 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस खगोलीय घटना के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पुण्यकाल के लिए विशेष दिन माना जाता है। इसका पुण्यकाल दिन भर रहेगा। स्नान दान के लिए यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंडित सूर्यमणि पांडेय कहते हैं कि मकर संक्रांति वह समय होता है, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना शुरू करता है यानी सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ता है। यह घटना साल में एक बार होती है और दिन-रात की अवधि में संतुलन लाने का प्रतीक है। खरमास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ काम नहीं किए जाते हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही शुभ काम की शुरुआत हो जाती है। पुण्यकाल का महत्व : ज्योतिषियों की मानें तो मकर संक्रांति पर पुण्यकाल का समय दिन भर रहेगा। इस दिन स्नान और दान को विशेष फलदायी माना गया है। विशेषकर गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व है। इसके साथ ही जरूरतमंदों को चूड़ा, तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र और धन का दान अत्यंत शुभ है। मकर संक्रांति पर परंपराएं और रीति-रिवाज: 1. स्नान और दान: प्रात:काल नदी या तीर्थ में स्नान कर दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है। 2. विशेष भोजन: इस दिन तिल और गुड़ से बने लड्डू, चूड़ा, खिचड़ी और अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाकर सेवन करें और लोगों में बांटें। 3. पर्वतीय और धार्मिक उत्सव: मकर संक्रांति पर देशभर में पतंगबाजी, मेलों और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है। 4. गाय और पक्षियों का दान: गायों को चारा और पक्षियों को अन्न खिलाने की परंपरा भी शुभ मानी जाती है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण : मकर संक्रांति आत्मा को शुद्ध करने और नव ऊर्जा का संचार करने का दिन माना गया है। इस दिन किए गए दान और पुण्य कर्मों का कई गुना फल मिलता है। मकर संक्रांति का पर्व न केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी इसका अत्यधिक महत्व है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ जीवन में शुभता और सकारात्मकता का नया अध्याय शुरू हो जाता है।

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