स्टेट टीम पहुंची सदर अस्पताल, डीएस ही मिले गायब
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स्टेट टीम पहुंची सदर अस्पताल, डीएस के गायब रहने पर नाराजगी फटकार के बाद आनन-फानन पहुंचे अधिकारी और कर्मी डीएनबी कोर्स को लेकर व्यवस्था का लिया जायजा, कलमबद्ध की रिपोर्ट जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी स्वास्थ्य विभाग को अनुमति मिलने पर शुरू होगी प्रसूति व स्त्री रोग की पढ़ाई दूसरी मंजिल पर डीएनबी कोर्स के लिए की जा रही व्यवस्था फोटो : ओपीडी टेस्ट : सदर अस्पताल में शनिवार को अधिकारियों के साथ ओपीडी में जांच के लिए जातीं स्टेट टीम की प्रतिनिधि पीएमसीएच की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अलका पांडेय। बिहारशरीफ, एक संवाददाता। सदर अस्पताल में शनिवार को डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) कोर्स शुरू कराने के लिए वहां की व्यवस्था की जांच करने राज्य स्तरीय टीम पौने 10 बजे पहुंची। उस समय वहां डीएस (उपाधिक्षक) डॉ. अशोक कुमार ही गायब मिले। अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण जांच के लिए आयी अलका पांडेय काफी गुस्सा हुईं। फटकार के बाद आनन-फानन में अधिकारी व कर्मी गुलदस्ता लेकर उनके पास पहुंचे। इस दौरान वे डीएस चैंबर से निकलकर विभिन्न वार्डों में जाकर जांच की। जांच टीम के आने की सूचना मिलते ही कर्मियों में हड़कंप मच गया। तीन घंटे तक उन्होंने डीएनबी कोर्स को लेकर यहां की व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही, विभिन्न मानकों पर यहां मिल रहीं सेवाओं को अपनी रिपोर्ट में कलमबद्ध किया। स्टेट टीम की प्रतिनिधि पीएमसीएच की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अलका पांडेय ने बताया कि यह जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी। हालांकि, उन्होंने कर्मियों द्वारा उनके आने की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर करने पर गुस्सा करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि दोबारा इस तरह की गलती न करें। उन्होंने कहा कि मानकों पर खरा उतरने पर ही प्रसूति एवं स्त्री रोग की पढ़ाई शुरू कराने के लिए डीएनबी कोर्स कराने की अनुमति दी जा सकती है। अस्पताल की दूसरी मंजिल पर डीएनबी कोर्स के लिए सारी व्यवस्था की गयी है। मौके पर डीएस डॉ. अशोक कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक कुणाल कुमार, यशवंत कुमार व अन्य मौजूद थे। क्या है डीएनबी कोर्स : डॉ. पांडेय ने बताया कि यह तीन साल का मेडिकल कोर्स है। यह कोर्स एमबीबीएस या समकक्ष परीक्षा में 50 फीसदी अंक लाने के बाद और डीएनबी सीईटी प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद किया जा सकता है। यह कोर्स मास्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी), मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस), डॉक्टर ऑफ मेडिसीन (डीएम) के समतुल्य है। कोर्स करने के बाद डॉक्टर संबंधित बीमारियों का इलाज करने के साथ साथ सर्जरी भी कर सकते हैं। अधिकारियों ने कहा : यह हमारे जिले के लिए पहला संस्थान होगा, जहां डीएनबी कोर्स की पढ़ाई होगी। इस बार सारी व्यवस्था की गयी थी। जांच टीम भी संतुष्ट होकर गयी हैं। इससे इसकी पढ़ाई शुरू होने की पूरी संभावना है। श्याम कुमार निर्मल, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य प्रबंधक
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