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ठंड का सितम : रेलवे स्टेशनों पर ठिठुरकर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री

ठंड का सितम : रेलवे स्टेशनों पर ठिठुरकर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रीठंड का सितम : रेलवे स्टेशनों पर ठिठुरकर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रीठंड का सितम : रेलवे स्टेशनों पर ठिठुरकर ट्रेन का इंतजार कर रहे...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 15 Jan 2025 10:10 PM
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ठंड का सितम : रेलवे स्टेशनों पर ठिठुरकर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री आस-पास रैनबसेरा है न धर्मशाला, अलाव न वेटिंग रूम की व्यवस्था और चादर ही एकमात्र सहारा यात्रियों ने कहा-ठंड हो या गर्मी, नहीं कोई देखनहारा गर्मियों में पानी के लिए तो ठंड में कनकनी से बचाव का नहीं है कोई उपाय फोटो : रेलवे स्टेशन : बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बुधवार की दोपहर कनकनाती ठंड से बचने का प्रयास करते ट्रेन पकड़ने आए यात्री। रेलवे स्टेशन01 : बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर बुधवार को ठिठुरन के बीच अपने बच्चे को संभालते हुए गाड़ी का इंतजार करतीं महिला। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। जिला में ठंड का सितम मंगलवार की शाम से जारी है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस चला गया है। शाम व सुबह में कनकनी से लोग परेशान हैं। सबसे अधिक परेशानी सुबह शाम ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों को हो रही है। सफर में निकलने वाले लोग इस सितम से परेशान हैं। मौसम पूर्वानुमान में अगले एक सप्ताह तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना है। बिहारशरीफ, राजगीर, हरनौत जैसे रेलवे स्टेशनों पर यात्री ठिठुरकर ट्रेन का इंतजार करने को विवश हैं। बिहारशरीफ स्टेशन के आस पास रैनबसेरा है न धर्मशाला। वहां अलाव न वेटिंग रूम की व्यवस्था है। एक वेटिंग रूम बना हुआ है, उसमें अक्सर ताला ही लटका रहता है। ऐसे में जैकेट व चादर ही यात्रियों का एकमात्र सहारा है। यात्रियों ने कहा ठंड हो या गर्मी हमें कोई देखने वाला नहीं है। गर्मियों में पानी के लिए तो ठंड में कनकनी से बचाव के लिए हमें परेशान होना पड़ता है। अलाव जैसी व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानी होती है। इस कंपकंपाती ठंड में यात्रियों को खुले प्लेटफॉर्म पर ही ट्रेन का इंतजार करना पड़ रहा है। राजगीर, नालंदा, बिहारशरीफ, हरनौत, इस्लामपुर, हिलसा, वेना समेत अन्य स्टेशन आबादी से बाहर खुले में हैं। इस कारण स्टेशन पर बहने वाली ठंडी हवा से यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ गयी है। सिर में टोपी और शरीर पर चादर भी ठंड से उन्हें राहत नहीं दे पा रही है। दिन में तो किसी तरह काम चल जाता है। लेकिन, शाम ढलने के बाद आने वाली ट्रेनों के यात्रियों को ठंड रुला रही है। बिहारशीफ के वेटिंग रूम में लटका है ताला : राजगीर में बना वेटिंग रूम खुला रहता है। इससे वहां के यात्रियों को कमरा में जाने पर थोड़ी राहत मिलती है। लेकिन, बिहारशरीफ प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बना वेटिंग रूम में हमेशा ताला लटका रहता है। ऐसे में प्लेटफॉर्म पर बनी कुर्सियां ही एक सहारा बनी हुई हैं। इससे महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। रात में दो चादर भी ठंड से बचाने में नाकाम साबित हो रहा है। जबकि, अन्य स्टेशनों पर तो वेटिंग रूम तक नहीं है। टिकट काउंटर के बना शेड ही उन्हें सहारा दे रहा है। दीवार की ओट में ठंड से बचने का यात्री करते हैं प्रयास : राजगीर से सारनाथ एक्सप्रेस रात साढ़े नौ बजे खुली। यह बिहारशरीफ में लगभग सवा 10 बजे पहुंची। इसे पकड़ने के लिए लोग आठ बजे ही पहुंच गए थे। सोहसराय से इस ट्रेन को पकड़ने आए दीपक कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें अचानक से पटना जाना पड़ा। वे ठंड की वजह से पहले ही स्टेशन पर आ गए। यहां दिवारों के ओट में बैठकर ठंड से बचने का प्रयास करते रहे। टोटो वाले ने जलायी आग तापने से मिली राहत : बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर नई सीढ़ी के पास रात नौ बजे टोटो वालों ने लकड़ी जमा कर अलाव जला रखी थी। राजगीर दानापुर ट्रेन पकड़ने आए उदय कुमार सिंह व अन्य ने बताया कि साढ़े सात बजे ही स्टेशन पर आ गए। टोटो वाले के पास जाकर अलाव तापने से थोड़ी राहत मिली। ट्रेन आने के बाद उसमें बैठने पर राहत मिली। रात में आने वाले यात्रियों को हुई अधिक परेशानी : पटना से राजगीर आने वाली ट्रेन बिहारशरीफ स्टेशन पर लगभग पौन घंटा लेट पहुंची। लगभग रात 10 बजकर 20 मिनट पर स्टेशन पर उतरने के बाद लोग ठिठुरते रहे। हाथों की हथेलियों को रगड़ते व मफलर से सिर को बचाते हुए तो कोई अपने बच्चों को गोद में चादर से लपेटकर ठंड से बचाने की जुगत में दिखे। महिलाएं व बच्चे इस किकुड़न भरी ठंड से परेशान दिखे। आशानगर की मनोरमा देवी ने बताया कि वे सारनाथ ट्रेन पकड़ने के लिए रात साढ़े नौ बजे ही स्टेशन पर आ गयीं। तब से ठंड से बचने के लिए शेड में बनी कुर्सी के नीचे ओट में बैठना पड़ा। ठंड का कहर : जीवन अस्त-व्यस्त, पशु पक्षी भी परेशान जिला में ठंड के कहर से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। पशु पक्षी भी परेशान हैं। न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। पशु-पक्षियों पर भी इस सर्दी का गंभीर असर देखा जा रहा है। हरनौत, सरमेरा, पावापुरी, गिरियक, चंडी, राजगीर व अन्य बाजारों में भी शीतलहर का प्रभाव दिख रहा है। बुधवार को सुबह और रात के समय घना कोहरा छाया रहा। इससे दृश्यता बेहद कम रही। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल रहा। ठंड के कारण स्कूलों में कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। ठंड का आसर बाजारों में भी दिखा। मुख्य सड़कों को छोड़ अन्य पर दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। दिहाड़ी मजदूरों को भी काम नहीं मिला। ठंड के कारण अस्पतालों में सर्दी-जुकाम, बुखार और श्वसन संबंधी समस्याओं के मरीज बढ़ गए। इलाज कराने आ रहे रोगियों में 60 फीसदी में यह परेशानी मिल रही है। जानवरों पर भी ठंड का जबरदस्त असर : पशुपालक बीजो सिंह, मुकेश उपाध्याय, अरविंद यादव व अन्य ने कह कि ठंड का असर इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी पड़ा है। इसके चलते दूध उत्पादन में कमी आ रही है। कई पक्षी शीतलहर के कारण असामयिक रूप से मर रहे हैं। पशु चिकित्सक डॉ. निशा कुमारी ने पशुपालकों को मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें गर्म जगह पर रखने और उचित आहार देने की सलाह दी है। गौशालाओं को चारों तरफ से घेरकर ठंडी हवाओं से बचाने की अपील की है। युगो पासवान, लिल्ली मोची व स्थानीय लोगों ने कहा कि ठंड को लेकर प्रशासन की तैयारियां पर्याप्त नहीं हैं। अलाव की उचित व्यवस्था नहीं है और जरूरतमंदों तक कंबल भी नहीं पहुंच पाए हैं। ग्रामीण इलाकों में ठंड से बचने के लिए लोग खुद के दम पर ही अलाव का सहारा लेकर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं। ठंड से बचाव के लिए चिकित्सकों ने दी सलाह : सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह व पावापुरी अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रजनीकांत ने लोगों को इस ठंड से बचने के लिए सलाह दी है। इससे बचने के लिए गर्म कपड़ा पहनें और शरीर को ढंककर रखें। घरों में अलाव या हीटर का इस्तेमाल करें। पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उन्हें गर्म जगह पर रखें और उनके चारे में गुड़ या तिल का मिश्रण दें। अनावश्यक तौर से घरों से बाहर न निकलें। नवजात का मदर कंगारू केयर से देखरेख करें। गुनगुना पानी पीएं। फ्रीज में रखे सामान का उपयोग न करें। ठंडे भोजन या पेय पदार्थों का सेवन न करें। बच्चों व बुजुर्गों का पूरा ख्याल रखें। बुजुर्ग के कमरे का तापमान को संतुलित व गर्म रखें। उन्हें अचानक से कमरा से बाहर न निकालें। बाहर निकलना आवश्यक हो, तो पूरी तैयारी के साथ ही निकलें।

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