आरटीई : 25 को होना है स्कूल आवंटन पर 583 आवेदकों ने नहीं कराया सत्यापन
आरटीई : 25 को होना है स्कूल आवंटन पर 583 आवेदकों ने नहीं कराया सत्यापन आरटीई : 25 को होना है स्कूल आवंटन पर 583 आवेदकों ने नहीं कराया सत्यापन आरटीई : 25 को होना है स्कूल आवंटन पर 583 आवेदकों ने नहीं...

आरटीई : 25 को होना है स्कूल आवंटन पर 583 आवेदकों ने नहीं कराया सत्यापन बच्चों के अभिभावक बीआरसी में 24 तक कराएं प्रमाण-पत्रों का सत्यापन आवेदन का नहीं हुआ सत्यापन, तो स्कूल आवंटन से छात्र रह जाएंगे वंचित निजी विद्यालयों में पहली कक्षा में नामांकन के लिए 862 ने किया है आवेदन 279 आवेदनों का ही हुआ सत्यापन, 583 आवेदन जांच के लिए लंबित फोटो : स्कूल 01 : बिहारशरीफ स्कूल में पढ़ाई करते बच्चे। (फाइल फोटो) बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत अलाभकारी समूह व कमजोर वर्ग के बच्चों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 में निबंधित निजी स्कूलों में पहली कक्षा में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। दूसरे चरण में जिले में 862 छात्र-छात्राओं ने ज्ञानदीप पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया है। लेकिन, बुधवार तक महज 275 प्राप्त आवेदनों का सत्यापन किया गया है। जबकि, विभागीय प्रावधान के अनुसार पंजीकृत छात्रों का सत्यापन 21 अप्रैल तक ही पूरा हो जाना चाहिए था। समग्र शिक्षा डीपीओ मो. शाहनवाज ने बताया कि सत्यापित छात्रों का स्कूल आवंटन 25 अप्रैल को किया जाना है। लेकिन, प्रखंड स्तर पर जांच के लिए 583 आवेदन लंबित हैं। चयनित छात्रों का 26 से 30 अप्रैल तक विद्यालय में नामांकन लिया जाएगा। डीपीओ ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले बच्चों के अभिभावकों से अपील किया गया है कि 24 अप्रैल तक बीआरसी में जाकर दस्तावेज का सत्यापन कराएं ताकि विद्यालय आवंटन में किसी तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़े। बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम का लाभ मिल सके। डीपीओ ने बताया कि बीईओ को बच्चों के अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर दस्तावेज का सत्यापन कराने को कहा गया है। जानकारों ने बताया कि कई अभिभावक आवेदन का सत्यापन कराने में रुची नहीं ले रहे है। लक्ष्य के अनुरूप आवेदन नहीं : जिले के 764 निबंधित निजी विद्यालय चलाए जा रहे हैं। इनमें से 483 ने अपने विद्यालय में आरटीई के तहत बच्चों का नामांकन लेने की सहमति दी है। जबकि, 281 निबंधित निजी विद्यालय के प्राचार्यों ने सहमति नहीं जतायी है। यानि, गरीब बच्चों को पढ़ाने को तैयार नहीं है। या यूं कहें कि विभागीय आदेश इनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। अधिकारी भी सब कुछ जानकर इन विद्यालयों पर नकेल कसने का प्रयास नहीं करते हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले साल की तरह इस साल में जिले में शत-प्रतिशत निबंधित निजी विद्यालय आरटीई के तहत गरीब बच्चों को पढ़ाने की सहमति नहीं दी। जबकि, शिक्षा विभाग आरटीई के तहत अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। ऑनलाइन आवेदन करने की दो बार तिथि भी बढ़ायी। लेकिन, इन स्कूलों के प्राचार्य को कोई फर्क नहीं पड़ा। पिछले साल 16 सौ बच्चे लिया था नामांकन : विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जिले में पिछले साल जिले में 643 निजी विद्यालय निबंधित थे। इनमें 372 ने आरटीई के तहत गरीब बच्चों की नामांकन की सहमति दी थी। पिछले साल ज्ञानदीप पोर्टल पर 2458 गरीब बच्चों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें 2298 बच्चों को स्कूल आवंटित किया गया था। इनमें से 1616 बच्चों का आरटीई के तहत नामांकन लिया था।
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