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बैगनी आलू सेहत व सौंदर्य का रखता है पूरा ख्याल : डॉ. रंधीर

बैगनी आलू सेहत व सौंदर्य का रखता है पूरा ख्याल : डॉ. रंधीरबैगनी आलू सेहत व सौंदर्य का रखता है पूरा ख्याल : डॉ. रंधीरबैगनी आलू सेहत व सौंदर्य का रखता है पूरा ख्याल : डॉ. रंधीरबैगनी आलू सेहत व सौंदर्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 12 Feb 2025 02:29 AM
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बैगनी आलू सेहत व सौंदर्य का रखता है पूरा ख्याल : डॉ. रंधीर

बैगनी आलू सेहत व सौंदर्य का रखता है पूरा ख्याल : डॉ. रंधीर जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत किसानों को दिया गया प्रशिक्षण खेत में जाकर किसानों ने देखा खेती बाड़ी को फोटो : 11 नूरसराय 01 : नूरसराय के यमुनापुर गांव में मंगलवार को रोग व विषाणुमुक्त आलू दिखाते नालन्दा उद्यान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रंधीर कुमार व अन्य। नूरसराय, निज प्रतिनिधि। जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत मंगलवार को यमुनापुर गांव में विषाणुमुक्त आलू बीज उत्पादन तकनीक विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला हुई। कार्यक्रम गांव के ही आलू उत्पादक किसान धर्मेंद्र कुमार व जतन कुमार के खेत के पास हुआ। दोनों किसानों ने आलू के कई किस्मों के बीज का उत्पादन नालन्दा उद्यान महाविद्यालय के वैज्ञानिकों की देख रेख में किया है। प्राचार्य डॉ. रंधीर कुमार ने कुफरी नीलकंठ प्रजाति के आलू के बीज के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रजाति के आलू का रंग बैगनी होता है। बैगनी आलू खाने से एंटीऑक्सिडेंट का सेवन बढ़ सकता है। इससे शरीर का सूजन कम हो सकता है। ये विशेष रूप से एन्थोकायनिन से समृद्ध है, जो कि एंटीऑक्सिडेंट यौगिक है। यह हमारे आंख और हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। साथ ही साथ ये बहुत सी पुरानी बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। उन्होंने कहा बैगनी आलू सेहत व सौंदर्य का पूरा ख्याल रखता है। इस कार्यक्रम में यमुनापुर, कैडी, मेयार, डोईया, पथरौरा, नारी व अन्य गांवों के आलू उत्पादकों ने शिरकत किया। खेत में लगी कुफरी पोखराज, कुफरी लीमा, कुफरी छाती, कुफरी नीलकंठ, कुफरी चिप्सोना वन, कुफरी उदय, कुफरी थार और बाड़ी आलू किस्मों के फसल को किसानों ने देखा। इन किस्मों के आलू बीज उत्पादन कर रहे किसान धर्मेंद्र कुमार व जतन कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष इन किस्मों के करीब साढ़े चार सौ क्विंटल आलू बीज का उत्पादन किया था। नालंदा आलू उत्पादन में अग्रणी जिला : कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस सोलंकी ने बताया कि बिहार में आलू उत्पादन के क्षेत्र में नालन्दा अग्रणी जिला है। बिहार आलू उत्पादकता में देश में काफी पीछे है। इसका प्रमुख कारण उन्नत किस्मों के रोग मुक्त बीजों की अनुपलब्धता है। रोग व विषाणुमुक्त आलू बीज उत्पादन को लेकर नालन्दा उद्यान महाविद्यालय सतत प्रयास कर रहा है। किसानों को समय समय पर महाविद्यालय के वैज्ञानिकों का दल किसानों के खेतों में पहुंचकर उन्हें तकनीकी मददक कर रहा है। डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा वित्तपोषित एरोपोनिक यूनिट की स्थापना महाविद्यालय परिसर में की गयी है। इसका उद्देश्य आलू के बीज (मिनी ट्यूबर) को किसानों तक पहुंचाना, किसानों को समृद्ध बनाना व राज्य के आलू उत्पादन को बढ़ाना है। कृषि वैज्ञानिकों ने आलू के फसलों में लगने वाले रोग व उनके निदान के बारे में किसानों को बताया। मौके पर पापिया विश्वास, डॉ. एपी सिंह, डॉ. सीएस आजाद, डॉ. सरदार सुनील सिंह, डॉ. आरके शर्मा, डॉ. अनुपम आदर्श, नेहा रानी, डॉ. प्रवीण फातिमा, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. आरबी रमण व अन्य मौजूद थे।

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