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ज़िले में 6 लाख से अधिक पौधे लगाने की तैयारी शुरू

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 21 May 2021 09:20 PM
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ज़िले में 6 लाख से अधिक पौधे लगाने की तैयारी शुरू

जल-जीवन हरियाली के तहत किया जाएगा पौधरोपण

डीएफओ ने कहा-11 लाख पौधों की नर्सरी तैयार

निजी ज़मीन पर पौधा लगाने वाले किसानों को मिलेगी राशि

25 प्रकार के पौधों में 20 होंगे फलदार

फोटो:

ट्री : मनरेगा के तहत पौधे लगाते लोग। ‌(फाइल फोटो)

बिहारशरीफ़। हिन्दुस्तान संवाददाता

पृथ्वी दिवस पर 9 अगस्त से जिलेभर में पौधरोपण किया जाएगा। राज्यभर में ढाई करोड़ के मुकाबले ज़िले को छह लाख आठ हज़ार पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। पौधरोपण की तैयारी शुरू कर दी गयी है। जल्द ही इसकी सफलता के लिए बैठक की जाएगी। सभी पौधे जल-जीवन हरियाली के तहत लगाये जाएंगे। डीएफओ के. नेशामणि ने बताया कि इसकी तैयारी को लेकर वन विभाग ने 11 लाख पौधों की नर्सरी तैयार की है। इस दौरान निजी ज़मीन पर पौधा लगाने वाले किसानों को राशि दी जाएगी। उनमें 20 फलदार समेत में 25 प्रकार के पौधे रहेंगे।

मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बिट्टू कुमार सिंह ने बताया कि छह लाख आठ हजार लगाए जाने वाले पौधों पर एक करोड़ खर्च करने का बजट है। ये पौधे पइन, पोखर, तालाब, नदी, आरडब्ल्यूडी रोड के किनारे और निजी भूमि पर लगाए जाएंगे। निजी जमीन पर पौधे लगाने वाले इच्छुक जमीन मालिक को मनरेगा के तहत प्रति 200 पौधों की देखरेख करने के लिए पांच साल तक 100 रुपये प्रति पौधा प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा। इतना ही नहीं, लगाए गए पौधों पर जमीन मालिक का ही मालिकाना हक होगा।

3 हज़ार लोगों से लगवाए जाएंगे पौधे:

छह लाख आठ हज़ार पौधे लगाने में तीन हज़ार लोगों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा। उसकी पटवन के लिए 1764 चापाकल गाड़ने की भी योजना है। पौधों की कमी न हो इसके लिए वन विभाग ने चंडी, हरनौत, राजगीर सोन भंडार व राजगीर आयुध कारखाना समेत सात नर्सरियों में पौधा तैयार कर रहा है।

30 रुपये पौधा खरीदेगा विभाग:

वन विभाग की नर्सरी से तैयार प्रति पौधा 30 रुपये के हिसाब से जिला ग्रामीण विकास अभिकरण खरीद कर लोगों को निशुल्क बांटेगा। एक जून से चिह्नित स्थानों पर गड्ढा खोदने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

कोई भी किसान बन सकता है सदस्य:

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी निजी जमीन में शीशम, सागवान, महोगनी, मलेशियन शाल, गम्हार, सेमल, काला शीशम, जामुन, कटहल, बेल, आम, नींबू, अनार, आंवला, गोल्ड मोहर, जरकंडा, कदम, छतवन, अर्जुन, करनजे व इमली जैसे पौधे लगाने के लिए मनरेगा कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं।

निजी ज़मीन पर पौधरोपण के लिए शपथ पत्र ज़रूरी:

निजी जमीन पर पौधा लगाने के लिए एक शपथ पत्र, जमीन के कागजात की फोटो कॉपी, बैंक अकाउंट, आधार नंबर और मनरेगा के तहत कार्य करने के लिए स्वीकृति पत्र जमा करना होगा। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर पौधों का वितरण किया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए किसान को कम से कम 10 कट्ठा जमीन होनी चाहिए। क्योंकि, एक यूनिट यानी 200 पौधे लगाने के लिए 10 कट्ठा भूमि जरूरी है। 200 पौधे लगाने पर ही मनरेगा के तहत सुरक्षा के लिए निशुल्क गैबियन, पटवन के लिए चापाकल और देखरेख के लिए पांच साल तक प्रतिमाह 15 सौ रुपया का लाभ दिया जाएगा।

सागवान के पौधे को दी जाएगी प्राथमिकता:

उन्होंने बताया कि अब तक तय लक्ष्य के अनुसार सबसे अधिक सागवान के एक लाख एक हज़ार 420, शीशम के 42 हज़ार 780, महोगनी के 79 हज़ार 835, मलेशियन शाल के चार हज़ार 584, सेमल के 29 हज़ार 361, गमहार के 32 हज़ार 584, काला शीशम के 15, 361, जामुन 27, 698, कटहल 11, 280, बेल 11, 357, आम 29, 356, निम्बू 7, 555, अनार 2,626, आंवला 10,759, नीम 18 हजार 84 गोल्ड मोहर 20,374, सरकंडा और अमलता सिर्फ थरथरी में 150-150 पौधे लगाने का लक्ष्य है। जबकि कदम 61,171, छतवन 18 हजार 848, अर्जुन 3, 480, करंज 33, 678, इमली 3,492 और अन्य 14 हज़ार 850 पौधे लगाने की मनरेगा के तहत तैयारी चल रही है।

वर्ष 2012 से मनरेगा के तहत पौधे लगाये जा रहे हैं। वर्ष 2020 में जिलेभर में मनरेगा से तीन लाख 18 हज़ार पौधे लगे थे। उनमें से 90 प्रतिशत बचा हुआ है। शेष या तो सूख गये या फिर उन्हें जानवर खा गये। वर्ष 2012 से अबतक ज़िले में मनरेगा द्वारा कितने पौधे लगाये गये हैं और कितने बचे हैं, गिनती के साथ यह बताना मुश्किल है।

मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बिट्टू कुमार सिंह

किस प्रखंड में कितने पौधे लगाने का है लक्ष्य:

आस्थावां : 45,600

बेन : 24,400

बिहारशरीफ : 4,80,000

बिंद : 17,000

चंडी : 36,000

एकंगरसराय : 43,400

गिरियक : 25,200

हरनौत : 40,800

हिलसा : 36,000

इस्लामपुर : 48,000

कराय परसुराय : 16,800

कतरीसराय : 13,000

नगरनौसा : 22,200

नूरसराय : 41,400

परवलपुर : 14,400

रहुई : 38,800

राजगीर : 22,406

सरमेरा : 21, 600

सिलाव : 33,600

थरथरी : 19,400

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