फिजियोथेरैपी में नालंदा जिला चौथे तो पटना सातवें नंबर पर
फिजियोथेरैपी में नालंदा जिला चौथे तो पटना सातवें नंबर परफिजियोथेरैपी में नालंदा जिला चौथे तो पटना सातवें नंबर परफिजियोथेरैपी में नालंदा जिला चौथे तो पटना सातवें नंबर पर
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : फिजियोथेरैपी में नालंदा जिला चौथे तो पटना सातवें नंबर पर सारण अव्वल तो शेखपुरा दूसरे नंबर पर 55 में से महज 8 अस्पतालों ने हजार का आंकड़ा किया पार पालीगंज फिसड्डी, 2 माह में मात्र 8 का हुआ इलाज नवंबर व दिसंबर माह की जारी हुई रैंकिंग फोटो : सदर पेशेंट : सदर अस्पताल के फिजियोथेरैपी यूनिट में शनिवार को रोगियों को इलाज करते फिजियोथेरैपिस्ट डॉ. शिवराम चौधरी व अन्य। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। फिजियोथेरैपी सेवा प्रदान करने में नालंदा चौथे तो पटना सातवें नंबर पर है। वहीं सारण अव्वल तो शेखपुरा दूसरे नंबर पर है। सूबे के 55 अस्पतालों में फिजियोथेरैपी यूनिट कार्यरत हैं। इनमें से महज आठ अस्पतालों ने ही हजार का आंकड़ा पार किया है। पालीगंज अस्पताल इसमें फिसड्डी रहा। दो माह में इस अस्पताल में मात्र आठ रोगियों का ही इलाज किया गया। पांच अस्पतालों ने तो 100 का आंकड़ा भी पार नहीं किया है। नवंबर व दिसंबर माह की रैंकिंग में इसका खुलासा हुआ। फिजियोथेरैपिस्ट डॉ. शिवराम चौधरी ने बताया कि ठंड के दिनों में जोड़ों के दर्द व अन्य दर्द के रोगियों में काफी इजाफा हो जाता है। ऐसे रोगियों को 10 से 14 दिनों तक फिजियोथेरैपी देनी होती है। अगर कोई हड्डी टूटने या अन्य परेशानियों वाला रोगी हो, तो उसके एक माह तक फिजियोथेरैपी करानी पड़ती है। बिहारशरीफ सदर अस्पताल के फिजियोथेरैपी यूनिट में छह बेड उपलब्ध हैं। यहां रोजाना 30 से 35 रोगियों की फिजियोथेरैपी की जाती है। बिहारशरीफ सदर में नवंबर व दिसंबर माह में एक हजार 76 लोगों की तोा शेखपुरा में एक हजार 117 लोगों की फिजियोथेरैपी की गयी। वहीं पटना सिटी अस्पताल में एक हजार 12 लोगों की फिजियोथेरैपी हुई। इसमें एक हजार 334 रोगियों का इलाज कर सारन सदर अव्वल रहा। शेखपुरा दूसरे तो मोतिहारी सदर तीसरे नंबर पर रहा। व्यवस्था बदली तो रोगी भी बढ़े : नवंबर माह में फिजियोथेरैपी यूनिट में स्टैटिक साइकिल, इंफ्रारेड, शॉर्ट वेव लैंप समेत कई चिकित्सीय उपकरण आए। यहां बेड की संख्या भी तीन से बढ़कर छह हो गयी। व्यवस्था बदली, तो रोगियों की संख्या भी बढ़ी। एक साल पहले तक इस यूनिट में रोजाना तीन से चार लोग ही इलाज के लिए आते थे। अब रोजाना लगभग 35 से 40 लोगों का इलाज किया जाता है। इसके लिए रोगियों का नंबर लगा रहता है। बीमारी के अनुसार एक रोगी को फिजियोथेरैपी देने में 10 से 30 मिनट तक लगते हैं। हजार आंकड़ा पार करने वाले अस्पताल : 1. सारण सदर : 1344 2. शेखपुरा सदर : 1117 3. मोतिहारी सदर : 1100 4. बिहारशरीफ सदर : 1076 5. अररिया अस्पताल : 1070 6. मधुबनी सदर : 1021 7. पटना सिटी अस्पताल : 1012 8. दाउदनगर अस्पताल : 1011 100 से कम आंकड़ा वाले अस्पताल : भोजपुर का पीरो अस्पताल : 95 जगदीशपुर अस्पताल : 76 झंझारपुर अस्पताल : 67 रजौली अस्पताल : 18 पालिगंज अस्पताल : 8
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