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परेशानी : परिमार्जन प्लस से भी नहीं हो रहा जमाबंदी में सुधार

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफThu, 2 Jan 2025 10:27 PM
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परेशानी : परिमार्जन प्लस से भी नहीं हो रहा जमाबंदी में सुधार सुधार व दाखिलखारिज के लिए रैयत कार्यालय का लगा रहे चक्कर डेढ़ माह बाद तक आवेदन दिखाता है पेंडिंग फोटो : कराय जमाबंदी : करायपरसुराय अंचल कार्यालय। करायपरसुराय, निज संवाददाता। रैयतों को कागजात जुटाने के लिए तीन माह का समय दिए जाने के बाद भी शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही ना ही समय पर उसका निपटारा हो पा रहा है। पहले तो जमाबंदी सुधार या डिजिटाइजेशन में छुटी हुई जमाबंदी के लिए परिमार्जन पोर्टल पर आवेदन करना होता था। इसमें आवेदन करने और सत्यापन करने की प्रक्रिया काफी जटिल थी। जरूरत के अनुसार सॉफ्टवेयर अपडेट करने के बाद परिमार्जन प्लस के माध्यम से छूटे हुए रैयत का नाम जोड़ने, सुधारने या फिर खाता, प्लॉट, रकबा के सुधार के लिए संबंधित दस्तावेज लगाकर स्वयं का शपथ पत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन करना था। इससे प्रक्रिया थोड़ी आसान हुई। बावजूद नए पोर्टल पर डेढ़ माह बाद तक आवेदन लंबित रहता है। जबकि, कुछ आवेदन में त्रुटि के नाम पर सुधार करने के लिए वापस कर दिया जाता है। विनोद प्रसाद व अन्य रैयतों ने बताया कि ऑनलाइन साइबर कैफे या वसुधा केंद्र के माध्यम से सभी दस्तावेज के साथ परिमार्जन प्लस पर आवेदन देने के बाद भी जमाबंदी में सुधार नहीं हो रहा है। कुछ भूस्वामियों ने बताया कि चार माह पहले इसके लिए आवेदन किया था। अब परिमार्जन प्लस पर आवेदन करने को कहा जा रहा है। मोबाइल पर आ रहे कई तरह के संदेश : रैयत अजय प्रसाद, संजय कुमार व अन्य ने कहा कि सभी दस्तावेज लगा परिमार्जन प्लस पर आवेदन देने के बाद भी कईतरह के संदेश आ रहे हैं। संदेश मिल रहा है कि आपके आवेदन में त्रुटि पाई गई है, निवारण हेतु आपके लॉगिन पर वापस कर दी गयी है। हल्का कर्मचारी संजय कुमार ने कहा कि रैयत आवेदन करते समय अनुलग्नक सही नहीं है या संलग्न नहीं है, अपलोड नहीं है या डाउनलोड नहीं हो रहा पर इस प्रक्रिया में जमाबंदी में सुधार नहीं हो रहा। रैयत रंजीत कुमार ने कहा कि तीन माह बाद फिर से सर्वे काम शुरू होने पर भी लोगों की परेशानी बनी रहेगी। खतियान, केवाला, न्यायालय आदेश की डिजिटल कॉपी या सॉफ्ट कॉपी की व्यवस्था कर भी लें, तो छुटी हुई जमाबंदी को डिजिटाइज करने और गलत जमाबंदी के सुधार के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल का ही सहारा है। विभागीय वेबसाइट पर नोटिफिकेशन है कि इस काम के लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन, काम नहीं हो रहा है। रैयतों को भाग दौड़ करनी पड़ रही है। यहां तक की राजस्व कर्मी द्वारा रखे गए सहायक को चढ़ावा देना पड़ रहा है। बोले अधिकारी : जबसे परिमार्जन पल्स आया है। तब से अबतक 718 आवेदन मिले हैं। इनमें से 302 आवेदन का काम हो चुका है। 207 आवेदक को त्रुटि के कारण रैयत के लॉगिन पर वापस कर दिया गया है। 209 आवेदन की जांच चल रही है। रैयत अपने लॉगिन पर जाकर आवेदन सुधार कर पुन: आवेदन करें। इसके बाद जमाबंदी में सुधार कर दिया जाएगा। मणिकांत कुमार, सीओ

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