पावापुरी बीएससी नर्सिंग कॉलेज में बिना शिक्षक के ही हो रही पढ़ाई
पावापुरी बीएससी नर्सिंग कॉलेज में बिना शिक्षक के ही हो रही पढ़ाईपावापुरी बीएससी नर्सिंग कॉलेज में बिना शिक्षक के ही हो रही पढ़ाईपावापुरी बीएससी नर्सिंग कॉलेज में बिना शिक्षक के ही हो रही पढ़ाई
पावापुरी बीएससी नर्सिंग कॉलेज में बिना शिक्षक के ही हो रही पढ़ाई प्रयोगशाला में उपकरण तो पुस्तकालय में किताब तक उपलब्ध नहीं छात्रों की नहीं हो रही पढ़ाई, उनके भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़ शिक्षकों की कमी का दंश शुरू से झेल रहा बीएससी नर्सिंग कॉलेज आधारभूत शैक्षणिक सुविधाओं के अलावा शिक्षकेत्तर कर्मियों की भी काफी कमी फोटो : बीएससी पावापुरी : बीएससी नर्सिंग कॉलेज पावापुरी। पावापुरी, निज संवाददाता। बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई वर्षों इंतजार के बाद पावापुरी में शुरू हुई। लेकिन, इसका लाभ अब यहां के छात्रों को पूरा नहीं मिल रहा है। पावापुरी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित बीएससी नर्सिंग कॉलेज में नामांकित प्रथम शैक्षणिक सत्र 2019-23 के विद्यार्थियों की पढ़ाई जैसे-तैसे आधी-अधूरी करायी गयी। सत्र 2020-24 व इससे आगे की सत्र की पढ़ाई भी बिना शिक्षक के ही चल रही है। इस नर्सिंग कॉलेज में एक भी शिक्षक नहीं हैं। छात्रों के पढ़ने के लिए प्रयोगशाला में उपकरण तक नहीं हैं। पुस्तकालय में उपयोगी किताबें भी पूरी तरह से नदारद हैं। यहां के छात्रों की सिलेबस के अनुसार पढ़ाई नहीं करायी जा रही है। उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां से निकलने के बाद वे रोगियों की कैसे सेवा व चिकित्सा करेंगे, यह सहज ही समझा जा सकता है। बीएससी नर्सिंग कॉलेज शिक्षकों की कमी का दंश शुरू से ही झेल रहा है। यहां भवन बहुत ही बेहतर है। लेकिन, आधारभूत शैक्षणिक सुविधाओं के अलावा शिक्षकेत्तर कर्मियों की भी काफी कमी है। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और कुव्यवस्था के कारण नर्सिंग की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित है। कुछ दिन पहले तक प्रभारी प्राचार्य के अलावा प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत महज चार शिक्षकों के बलबूते किसी तरह पढ़ाई करायी जा रही थी। हाल ही में यहां प्रतिनियुक्ति पर तैनात उन चार शिक्षकों को भी यहां से विभाग ने हटा दिया है। यही नहीं प्राचार्य को भी यहां से तबादला कर दिया गया है। इससे छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। अभी यहां 240 छात्र नामांकित हैं। इस कॉलेज में प्राचार्य, उप प्राचार्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, ट्यूटर के साथ शिक्षकेत्तर कर्मी भी होने चाहिए। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सर्विल कुमारी ने बताया कि जीएनएम कॉलेज की प्राचार्य स्मिता कुमारी को बीएससी नर्सिंग कॉलेज का भी प्रभार अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने दिया है। प्रतिनियुक्ति पर आए शिक्षकों के सहारे हो रही पढ़ाई भी पूरी तरह से बंद : बीएससी नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने बताया कि शैक्षणिक सत्र के प्रथम बैच में 2019-23 में 60 विद्यार्थी नामांकित थे। उन लोगों की पढ़ाई किसी तरह पूरी हो चुकी है। अभी कुल चार सत्र की छात्र-छात्राएं बीएससी नर्सिंग कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हैं। पहला सत्र काफी विलंब से शुरू हुआ था। प्रतिनियुक्ति पर आए चार शिक्षकों ने कुछ विषयों की पढ़ाई प्रथम वर्ष में करायी थी। इसी बीच कोरोना संकट के कारण पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गयी। वर्ष 2020 ऐसे ही बीत गया। विद्यार्थियों ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें अगले वर्ष में बिना पढ़ाई कराए ही प्रोन्नति दे दी गई। इसके बाद भी जैसे तैसे ही पढ़ाई का कोरम पूरा किया जा रहा है। कॉलेज में प्राचार्य समेत 23 शैक्षणिक पद सृजित : कॉलेज में एक प्राचार्य, एक उप प्राचार्य, तीन असिस्टेंट प्रोफेसर, तीन एसोसिएट प्रोफेसर, 15 ट्यूटर समेत 23 शैक्षणिक कर्मी के पद सृजित हैं। इसके अलावा लाइब्रेरियन, प्रयोगशाला सहायक व अन्य कर्मी भी होने चाहिए। इन सबके बदले कॉलेज में प्राचार्य के अलावा केवल चार शिक्षकों की तैनाती हुई थी। वह भी अब नहीं हैं। इसका असर यहां की पढ़ाई पर पड़ रही है। इस पर हद तो तब हो गई जब प्रभारी प्राचार्य राजेश कुमार गौड़ का भी यहां से पूर्णिया में तबादला कर दिया गया है। यानी बीएससी नर्सिंग कॉलेज पूरी तरह से शिक्षक विहीन हो गया है। पावापुरी मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि छात्र तो वहीं छात्रावास में रह रहे हैं। लेकिन, छात्राओं को पावापुरी मेडिकल कॉलेज का छात्रावास उपलब्ध कराया गया है। ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। लेकिन, शिक्षकों के नहीं रहने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। क्या कहती हैं प्राचार्य : प्रभारी प्राचार्य स्मिता कुमारी ने बताया कि तत्कालीन प्राचार्य ने इस समस्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख सुनील कुमार झा से बात की थी। उन्होंने समस्या के निदान की पहल करने की बात कही है। पावापुरी मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सर्विल कुमारी ने बताया कि बीएससी नर्सिंग कॉलेज में प्रयोगशाला और पुस्तकालय को समृद्ध किया जाना बेहद आवश्यक है। शिक्षकों की कमी जल्द ही विभागीय स्तर पर पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया है कि यहां पठन-पाठन पांच साल से चल रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था कर छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। ताकि, उनका सिलेबस पूरा हो सके।
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