अब मणियावां-नानंद के रास्ते गंगाजल पहुंचेगा घोड़ाकटोरा
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव:
अब मणियावां-नानंद के रास्ते गंगाजल पहुंचेगा घोड़ाकटोरा
गंगा उद्भव परियोजना के एलाइनमेंट में किया गया बदलाव
एनएच के किनारे जमीन की कमी के कारण बदलना पड़ा रास्ता
बदला एलाइनमेंट तो 30 से 40 करोड़ की हुई बचत, अब नहीं खरीदनी पड़ेगी जमीन
फोटो:
गंगाजल : नानंद गांव के पास नहर के किनारे पाइप बिछाने के कार्यों का मंगलवार को अवलोकन करते सिंचाई विभाग के अधिकारी।
बिहारशरीफ। निज प्रतिनिधि/रमेश कुमार
हाथीदह से गंगा को घोड़ाकटोरा लाने के क्रम में कई स्थानों पर गंगा का एलाइनमेंट बदल दिया गया है। एनएच द्वारा जमीन न देने के कारण बिहारशरीफ से गिरियक के रास्ते घोड़ाकटोरा तक गंगाजल पहुंचाने के क्रम में रास्ता बदलना पड़ा। अब बिहारशरीफ के बिजवनपर से मणियावां होते हुए नानंद के रास्ते पंचाने नदी से गुजरने वाली नहर के पूर्वी किनारे से पाइप बिछाया जायेगा। एलाइनमेंट बदलने के साथ ही नये रास्ते में पाइप बिछाने का काम सिंचाई विभाग ने शुरू कर दिया है। एलाइनमेंट बदला तो 30 से 40 करोड़ की बचत होने की संभावना जाती गयी है। इतनी राशि से जमीन की खरीद की जानी थी। अब रास्ता बदल देने के कारण जमीन की खरीद नहीं करनी पड़ेगी।
सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा सहमति मिलने के साथ ही काम शुरू करा दिया गया है। उनका कहना है जुलाई से लेकर अक्टूबर के बीच ही गंगा के पानी को घोड़ाकटोरा लाया जा सकता है। इस बीच में काम फाइनल करके टेस्ट का काम पूरा करना है।
हर हाल में जुलाई तक काम करना होगा पूरा:
प्रोजेक्ट में देरी होने पर एक साल तक इंतजार करना पड़ेगा। सरकार की यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस कारण हर हाल में जुलाई तक काम पूरा करना है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुशील कुमार सिन्हा ने बताया कि मार्ग बदलने का फायदा यह हुआ है कि बिजवनपर से लेकर घोड़ाकटोरा तक अब जमीन अधिग्रहण नहीं करनी होगी। इससे 30 से 40 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस मार्ग में नहर के किनारे-किनारे पाइप बिछाने के लिए पर्याप्त जमीन है।
45 किलोमीटर में पाइप बिछाने का काम पूरा:
इस प्रोजेक्ट के तहत हाथीदह से लेकर घोड़ाकटोरा तक 90.8 किलोमीटर पाइप बिछाया जाना है। 45 किलोमीटर में अब तक पाइप बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। मोकामा से सरमेरा, बिंद, रहुई के रास्ते बिहारशरीफ के उपरौरा मार्ग के किनारे-किनारे बिजवनपर तक पाइप बिछना है। इसके बाद मणियावां होते हुए घोड़ाकटोरा तक पाइपलाइन बिछायी जानी है। पाइप की गोलाई छह फीट है।
बांध निर्माण का काम सात फीट पूरा:
इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी कार्यों को अलग-अलग तकनीकी अधिकारियों की देखरेख में तेजी से किया जा रहा है। मोकामा में मैकेनिकल का काम जैसे मोटर पंप की स्थापना व अन्य काम जारी है। वहीं घोड़ाकटोरा में बांध निर्माण का काम सात फीट ऊंचाई तक पूरा कर लिया गया है। 56 फीट ऊंचा जलाशय का बांध होगा। घोड़ाकटोरा में जल संग्रह करने के लिए 350 एकड़ में जलाशय बनाया जा रहा है।
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