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लापरवाही : प्रसूता की मौत के बाद सदर अस्पताल में 5 घंटे हंगामा

लापरवाही : प्रसूता की मौत के बाद सदर अस्पताल में 5 घंटे हंगामालापरवाही : प्रसूता की मौत के बाद सदर अस्पताल में 5 घंटे हंगामालापरवाही : प्रसूता की मौत के बाद सदर अस्पताल में 5 घंटे हंगामालापरवाही :...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSun, 17 Nov 2024 10:43 PM
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लापरवाही : प्रसूता की मौत के बाद सदर अस्पताल में 5 घंटे हंगामा आशा पर बहलाकर प्रसूता को निजी क्लीनिक में भर्ती कराने का आरोप प्रसव के बाद रक्तस्राव नहीं रुकने पर पावापुरी किया गया था रेफर आशा कार्यकर्ताओं पर 6 हजार रुपए लेने का परिजनों ने लगाया आरोप 2 डॉक्टर, 3 जीएनएम और 4 आशाकर्मियों के खिलाफ की शिकायत बच्चा स्वस्थ, परिजनों के चीत्कार से गूंजा अस्पताल परिसर फोटो : सदर प्रसव 01 : सदर अस्पताल में रविवार को प्रसूता की मौत के बाद थानाध्यक्ष सम्राट दीपक से उलझते परिजन। सदर प्रसव 02 : सदर अस्पताल में रविवार को प्रसूता की मौत के बाद रोते बिलखते परिजन। बिहारशरीफ, एक संवाददाता। सदर अस्पताल के कायाकल्प के साथ ही बुनियादी सुविधाएं बहाल कर हरसंभव सेवाएन बेहतर करने का प्रयास जारी है। लेकिन, आदत से लाचार कुछ कर्मियों की वजह से अक्सर सदर अस्पताल की गतिविधियों पर उंगली उठती रहती है। रविवार को प्रसूता की मौत के बाद यहान करीब पांच घंटे परिजनों ने हंगामा किया। आशा कार्यकर्ता पर बहला-फुसला कर प्रसूता को निजी क्लीनिक में भर्ती कराने का आरोप लगाया। प्रसव के बाद रक्तस्राव नहीं रुकने पर प्रसूता को पावापुरी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। लेकिन, आशा कार्यकर्ता ने उसे निजी क्लीनिक में भर्ती करा दिया। परिजनों ने आशा कायरकर्ता पर छह हजार रुपये ठगने के साथ ही दो डॉक्टर, तीन जीएनएम और चार आशाकर्मियों के खिलाफ शिकायत की। इस दौरान परिजनों के चीत्कार से अस्पताल परिसर के हालात गमगीन बने रहे। क्या है मामला : मृतका के देवर रंजीत कुमार ने बताया कि सारे थाना क्षेत्र के ओंदा गांव निवासी विकास कुमार की 22 वर्षीया पत्नी सोनी कुमारी को सदर अस्पताल में 16 नवंबर की शाम में प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां तैनात डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की बात कही। ओपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद सामान्य प्रसव के लिए लौटा दिया। इसके बाद 17 नवंबर की सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर पुत्री ने जन्म लिया। प्रसव के बाद महिला का काफी रक्तस्राव होने लगा। तब डॉक्टर ने उसे पावापुरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन, आशा कार्यकर्ता ने बहला-फुसला कर प्रसूता को निजी क्लीनिक में भर्ती करवा दिया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गयी। मौत के बाद गुस्साये परिजन : प्रसूता की मौत के बाद गुस्साये परिजनों ने शव को सदर अस्पताल में लाकर पांच घंटा तक हंगामा किया। उनका आरोप है कि प्रसव के दौरान आशा कार्यकर्ता ने छह हजार रुपए भी लिये। मृतका के देवर ने नगर थाना में सदर अस्पताल में कार्यरत दो डॉक्टर, तीन जीएनएम और चार आशा कार्यकर्ताओं के साथ ही निजी क्लीनिक के खिलाफ नामजद एफआईआर के लिए आवेदन दिया है। गेट बंद करने और सड़क जाम करने का प्रयास : परिजनों द्वारा बार-बार वरीय अधिकारियों को फोन लगाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज लोगों ने अस्पताल का मेन गेट बंद करने और सड़क को जाम करने का कई बार प्रयास किया। लेकिन, पुलिस बलों ने उन्हें समझा-बुझाकर रोका। इस दौरान थानाध्यक्ष से कई बार परिजनों की कहा-सुनी भी हुई। आशा कार्यकर्ताओं का जमघट : जनवरी में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) से भर्ती नवजात को बहला-फुसला कर निजी क्लीनिक में भर्ती करा मोटी रकम वसूलने की शिकायत पर छह से अधिक आशा कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसके अलावा डॉक्टर पर भी विभागीय कार्रवाई की गयी थी। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी या किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। इससे उनका मनोबल बढ़ा रहता है और एसएनसीयू के पास जमघट लगाकर वे ऐसे कृत्यों को अंजाम देती हैं। मरीज के परिजनों के बीच वे घुल-मिलकर बैठी रहती हैं। और, मौका मिलते ही सदर अस्पताल की व्यवस्था में खामियां बताकर मरीज को निजी क्लीनिक में भर्ती करवा देती हैं। ऐसे में वे दोतरफा लाभ कमाती हैं। मरीज के परिजन से रुपये ऐंठने के अलावा निजी क्लीनिक से भी कमीशन लेती हैं। पहुंचे कई अधिकारी : हंगामा की सूचना पाते ही सदर अंचल के सीओ प्रभात रंजन, नगर थानाध्यक्ष सम्राट दीपक कुमार व लहेरी थाना की पुलिस मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझा-बुझाकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। सीओ ने बताया कि परिजनों ने लिखित शिकायत की है। मामले की जांच की जा रही है। बोले अधिकारी : परिजनों द्वारा कर्मियों के खिलाफ लिखित शिकायत की गयी है। उपाधीक्षक को सारी बातों की जानकारी दे दी गयी है। टीम बनाकर मामले की जांच की जा रही है। दोषी पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। कुणाल कुमार, अस्पताल प्रबंधक, सदर अस्पताल

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