नालंदा में ब्रेल लिपि के जनक लुई की मनी जयंती समारोह
दृष्टिबाधित बच्चों की उचित सहभागिता व विकास के लिए शिक्षा आवश्यक है। ब्रेल लिपि के माध्यम से ऐसे बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। साथ ही अन्य सहाय्य उपकरण भी मुहैय्या कराया जा रहा...
दृष्टिबाधित बच्चों की उचित सहभागिता व विकास के लिए शिक्षा आवश्यक है। ब्रेल लिपि के माध्यम से ऐसे बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। साथ ही अन्य सहाय्य उपकरण भी मुहैय्या कराया जा रहा है। जिला संसाधन कक्ष सह डे केयर सेंटर ऐसे बच्चों को खोजकर हर तरह की मदद पहुंचा रहा है। ब्रेल लिपि के जनक लूई ने ऐसे लोगों के लिए बहुत काम किया।
शहर के साठोपुर स्कूल में डे सेंटर पर शनिवार को उनके जयंती समारोह में जिला समावेशी शिक्षा समन्वयक अल्पना कुमारी ने कहा कि ऐसे लोगों की हर संभव मदद में आम लोगों को भी आगे आना चाहिए। समारोह में दर्जनों ऐसे बच्चों को ब्रेल स्लेट, ब्रेल बुक, अबाकस, टेलर फ्रेम व अन्य उपकरण दिए गए। सालहिन कुमार, मुकेश कुमार, प्रमोद कुमार व अन्य लोगों ने ऐसे लोगों का मदद का संकल्प लिया।
समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चुनौती:
नालंदा कॉलेज के शिक्षा विभाग में समारोह में इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ. रत्नेश अमन ने कहा कि इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चुनौती है। इनके लिए ब्रेल लिपि काफी कारगर है। वहीं सहायक प्रध्यापक राजेश कुमार ने कहा कि ब्रेल के माध्यम से पढना लिखना आसान हो गया है। इसके लिए सरकार भी कई स्तर पर कार्यक्रम चला रही है। लेकिन, ऐसे लोगों को सामाजिक पहल से ही मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। मौके पर शिखा कुमारी, दिलीप कुमार, शिवानी कुमारी, अनमोल किरण व अन्य मौजूद थे।
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